किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस फिर मोदी सरकार पर हमलावर
Congress cornered Modi government on the issue of farmers
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि देश में जितना कृषि बजट दिखाया जा रहा है, वो छल है- क्योंकि खर्च नहीं किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ देश के ओवरआल बजट के मुकाबले कृषि बजट में हर साल गिरावट हो रही है। आंकड़ों की बात करें तो साल 2013-14 के मुकाबले किसानों पर 2018-19 में 60% ज्यादा कर्ज था। इसके अलावा, MSP की मांग को भी पूरा किया जा सकता था, जिसे लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया था।
उन्होंने कहा कि देश के 80% किसानों को गेंहू और 76% किसानों को धान पर MSP नहीं मिलती है। UPA की सरकार में गेहूं की MSP 119% बढ़ाई गई थी। जबकि मौजूदा BJP सरकार ने गेहूं की MSP में सिर्फ 47% की बढ़ोतरी की। UPA की सरकार ने धान की MSP में 134% की वृद्धि की थी, जबकि BJP सरकार ने मात्र 50% की बढ़ोतरी की। जहां UPA की सरकार में MSP की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई, कर्जा माफी हुआ; वहीं BJP की सरकार में ना MSP बढ़ी, ना कर्ज माफ हुआ। “किसान की आय दोगुनी होगी”- ये भी किसान के साथ बड़ा छल था।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया के बाजारों में गेंहू, धान और अन्य अनाजों का भाव मिल सकता है, तब एक्सपोर्ट बैन कर दिया जाता है। जहां इंपोर्ट करना होता है, वहां तुरंत सारे कायदे-कानूनों को ताक पर रख दिया जाता है। यह देश के किसान पर मोदी सरकार की दोहरी मार है। ऐसे में फरवरी में फिर से किसान आंदोलन की बातें उठ रही हैं, क्योंकि सरकार ने जो भी बातें किसानों की मानी थीं, वो पूरी नहीं हुईं। मोदी सरकार की सोच किसान विरोधी है।