उत्तराखंड: ऋषिकेश का रामझूला पुल भू-कटाव के चलते बंद, मंडराया खतरा

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Furious form of Ganga in Rishikesh, threat looms over Ramjhula bridge, closed due to erosion

Furious form of Ganga in Rishikesh, threat looms over Ramjhula bridge, closed due to erosion
Furious form of Ganga in Rishikesh, threat looms over Ramjhula bridge, closed due to erosion

रामझूला पुल के नीचे हो रहे भूकटाव के चलते पुल पर आवाजाही रोकी गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक तथा स्थानीय नागरिक यहां स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जाने के लिए पहुंच रहे हैं जिन्हें जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है।

Furious form of Ganga in Rishikesh, threat looms over Ramjhula bridge, closed due to erosion

उत्तराखंड में भारी बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण तटीय इलाकों में भूकटाव हो रहा है। ऋषिकेश में रामझूला पुल के जनपद टिहरी वाले छोर पर पुल का पुस्ता क्षतिग्रस्त होने लगा है। प्रशासन की ओर से सावधानी बरतते हुए पुल पर आवाजाही अगले आदेश तक बंद कर दी गई है। प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर बुलाई गई है। पुल के नीचे कटाव होने से यह कदम उठाया गया है।

रामझूला पुल के नीचे हो रहे भूकटाव के चलते पुल पर आवाजाही रोकी गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक तथा स्थानीय नागरिक यहां स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जाने के लिए पहुंच रहे हैं जिन्हें जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है। पुल के नीचे करीब 30 मीटर तक कटाव हो गया है। गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है जिससे कटाव लगातार बढ़ रहा है। मुनिकीरेती तथा स्वर्गआश्रम-लक्ष्मण झूला को जोड़ने के लिए अब एकमात्र जानकी सेतु ही विकल्प रह गया है। इससे पहले लक्ष्मण झूला पुल को 13 जुलाई 2019 को सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के बाद आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था।

राम झूला पुल के नीचे हो रहे भू कटाव के चलते पुल पर आवाजाही रोकी गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक तथा स्थानीय नागरिक यहां स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जाने के लिए पहुंच रहे हैं, जिन्हें जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है। पुल के नीचे करीब 30 मी तक कटाव हो गया है। गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है, जिससे कटाव लगातार बढ़ रहा है। मुनिकीरेती तथा स्वर्ग आश्रम-लक्ष्मण झूला को जोड़ने के लिए अब एकमात्र जानकी सेतु ही विकल्प रह गया है।

राम झूला पुल का निर्माण 07 मार्च 1985 से आरंभ हुआ था जो 05 अप्रैल 1986 को पूरा हो पाया। तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य में 1.02 करोड़ की लागत से बना यह पुल उस समय राज्य का सबसे लंबा झूला पुल था। पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश शासकीय निर्माण विभाग की ओर से कराया गया था। खास बात ये है कि ऋषिकेश में नदी के दो किनारों को पार करने के लिए दो पुल बने हैं। एक राम झूला और दूसरा लक्ष्मण झूला। लक्ष्मण झूला तो पहले ही लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। लक्ष्मण झूला को 13 जुलाई 2019 को सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के बाद आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। जिसके बाद यहां विकल्प के रूप में बजरंग सेतु का निर्माण जारी है।

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