सीबीगंज में कोचिंग में पढ़ने के बाद छात्रा घर लौट रही थी। इसी दौरान दो युवकों ने उसे रोका और उसके साथ छेड़खानी करने लगे। विरोध करने पर खड़ौआ रेलवे क्रॉसिंग के पास छात्रा को ट्रेन के आगे फेंकर फरार हो गए।
Uttar Pradesh | Girl Thrown in Front of Moving Train by Two Youths for Resisting Eve-Teasing in Bareilly, Loses Limbs
उत्तर प्रदेश के बरेली के सीबीगंज इलाके में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। कोचिंग से घर लौट रही सीबीगंज थाना इलाके के एक गांव की रहने वाली छात्रा को छेड़खानी का विरोध करने पर दो युवकों ने ट्रेन के आगे फेंक दिया। छात्रा का एक हाथ और दोनों पैर कट गए। गंभीर हालत में छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छात्रा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
परिजनों के मुताबिक, 12वीं कक्षा की छात्रा मंगलवार शाम को सीबीगंज में कोचिंग में पढ़ने के बाद घर लौट रही थी। इसी दौरान दो युवकों ने उसे रोका और उसके साथ छेड़खानी करने लगे। विरोध करने पर खड़ौआ रेलवे क्रॉसिंग के पास छात्रा को ट्रेन के आगे फेंकर फरार हो गए। रेलवे ट्रैक पर छात्रा गंभीर हालत में मिली है। पुलिस ने छात्रा को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां रात में उसका ऑपरेशन किया गया। पुलिस के मुताबिक, अभी यह नहीं कहा जा सकता कि छात्रा को ट्रेन के आगे फेंका गया या कुछ और हुआ। परिजनों की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
पीड़ित छात्रा पिछड़ी जाति के परिवार से ताल्लुक रखती है। उसकी ताई इस समय गांव की प्रधान हैं। गांव के रहने वाला एक युवक उसे करीब दो महीने से परेशान कर रहा था। वह अपने दोस्तों के साथ अक्सर रास्ते में उसे रोक लेता था। छात्रा के अधिवक्ता चाचा के अनुसार, छात्रा के कोचिंग से आने-जाने के दौरान एक युवक और उसका साथी उससे छेड़छाड़ करते थे। छात्रा से जानकारी मिलने पर परिजनों ने आरोपियों के घर वालों से शिकायत भी की, लेकिन वे दोनों नहीं माने।
मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसएसपी ने थाने के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, शासन की ओर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की गई है। बुधवार सुबह कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, आईजी राजेश कुमार सिंह, डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने अस्पताल जाकर पीड़ित परिवार और डॉक्टरों से बात की।