राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं होने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश फैल गया है।स्थानीय ग्रामीण वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जब से रोली गांव में बादल फटने की घटना हुई है तब से लेकर अभी तक जिला प्रशासन व आपदा बंधन की टीम यहां पर राहत व बचाव के लिए नहीं पहुंची है।
Uttarakhand | Pauri’s Roli villagers angry, help did not reach even after 5 days of cloudburst
उत्तराखंड में भारी बारिश से लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बीते 20 जुलाई को जनपद पौड़ी के थैलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत रोली गांव के पास बादल फटा था। जिसके चलते गांव के कुछ मवेशी गौशाला के साथ बह गए थे। लोगो की खेती योग्य भूमि बह गई थी, रास्ते भी बादल फटने के कारण ध्वस्त हो गए थे। घटना को पांच दिन बीत जाने के बाद भी अब तक राहत व बचाव कार्य गांव में शुरू नहीं हो पाया है।
राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं होने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश फैल गया है।स्थानीय ग्रामीण वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जब से रोली गांव में बादल फटने की घटना हुई है तब से लेकर अभी तक जिला प्रशासन व आपदा बंधन की टीम यहां पर राहत व बचाव के लिए नहीं पहुंची है।
उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की रोली गांव का संपर्क बादल फटने के कारण से मुख्य बाजार से कट चुका है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने गांव में अब तक राहत बचाव सामग्री उपलब्ध नहीं कराई है।
जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि बादल फटने से रोली गांव को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। गांव को वैकल्पिक मार्ग से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उनके द्वारा संबंधित विभाग को निर्देशित कर दिया गया है। हालांकि मॉनसून सीजन से पूर्व जिला प्रशासन द्वारा बैठक कर आपदा से निपटने की तैयारी की जाती है। लेकिन जब आपदा आती है तो हालात रोली गांव के लोगों की जैसी बन जाती है जो मदद के लिए तरस रहे हैं।