लच्छीवाला टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों पर टोल कटाने को लेकर हुए विवाद में ट्रक चालक की पिटाई का आरोप लगा है। डोईवाला कोतवाली में टोल कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर तहरीर भी दे दी गई है जिस पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Uttarakhand | Lachhiwala toll workers or goons!, truck driver beaten brutally, admitted to hospital
उत्तराखंड/ डोईवाला: लच्छीवाला टोल प्लाजा पर टोल कटाने को लेकर हुए विवाद में ट्रक चालक सावेज निवासी आजाद नगर माजरा देहरादून की पिटाई का आरोप टोल पर तैनात कर्मचारियों पर लगा है। साथ ही ऐसे मामलों में टोल कर्मियों की गुंडई भी देखने को मिली है। जिसमें ट्रक चालक को बुरी तरह से पीटा गया है।
घायल कर्मचारी ने बमुश्किल अपनी जान बचाते हुए डोईवाला अस्पताल में अपना मेडिकल कराया जिसके बाद युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए युवक को देहरादून स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर युवक का सिटी स्कैन के साथ ही अन्य जांच की जा रही है।
घायल युवक के भाई मुसद्दीर ने बताया कि उसका भाई व उसके पिता दो ट्रकों को लेकर ऋषिकेश से देहरादून की ओर आ रहे थे तभी रात्रि 11:30 बजे वह लच्छीवाला टोल प्लाजा पर पहुंचे जहां उनके एक ट्रक का टोल कट गया। परंतु जो दूसरा ट्रक था उसका टोल नहीं कट पाया जिस पर टोल कर्मियों ने तकनीकी दिक्कत का हवाला दिया। जबकि उनके फास्टैग में पूरी धनराशि थी।
कुछ देर बाद टोल प्लाजा कर्मियों ने स्केनर से फास्ट टैग न कटने को लेकर दोगुना पैसा जमा करने को कहा। विरोध करने पर टोल प्लाजा पर तैनात कई कर्मचारियों ने उनके भाई को घेर कर हमला कर दिया। जिसमें उन्होंने लोहे की किसी चीज से भाई के भी सर पर हमला किया। जिससे उनका भाई गंभीर हालत में जख्मी हो गया।
तो वहीं उसके बचाव को आए उसके पिता को भी चोटें आई हैं । उनके भाई का इलाज देहरादून में निजी अस्पताल में कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद उनके फोन में दोनों ही वाहनों के फास्ट टैग से धनराशि कटने के मैसेज भी आए। जिससे मालूम होता है कि यह जबरन वसूली की जा रही थी। उन्होंने दोषी टोल कर्मियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।
लच्छीवाला टोल प्लाजा पर रात्रि से अलसुबह तक अधिकतर टोल कर्मियों की ओर से फास्टैग स्कैन न होने की बात कहकर दोगुना शुल्क लेने की शिकायत समय-समय पर आती रहती हैं। जिसको लेकर विवाद भी होता रहता है। परंतु टोल प्लाजा पर सुद्रढ़ व्यवस्था न होने के चलते आमजन को परेशानी उठानी पड़ती है और शरीफ लोग बेवजह किसी विवाद में ना पड़ने के कारण दोगुना शुल्क देना ही उचित समझते हैं। जबकि इसमें उनकी कोई गलती भी नहीं होती है।