दिल्ली बनता दून! तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण, दो दिन में AQI हुआ दोगुना

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Uttarakhand | Dehradun Pollution increasing rapidly, AQI doubled with in two days

Uttarakhand | Dehradun Pollution increasing rapidly, AQI doubled with in two days
Uttarakhand | Dehradun Pollution increasing rapidly, AQI doubled with in two days

दिल्ली में जहां प्रदूषण की वजह से आम आदमी का सांस लेना मुहाल हो गया है, वहीं दून, हरिद्वार और काशीपुर में भी प्रदूषण बढ़ने लगा है। हालांकि यहां एक्यूआई अभी सामान्य स्थिति में है, लेकिन इसमें वृद्धि हो रही है।

Uttarakhand | Dehradun Pollution increasing rapidly, AQI doubled with in two days

देहरादून और काशीपुर का एक्यूआई 100 से ऊपर पहुंच गया है। इसमें फेफड़ों एवं दिल के मरीजों को मुश्किल हो सकती है।

सोमवार को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दून, काशीपुर और ऋषिकेश का डाटा जारी किया गया। 25 अक्तूबर को देहरादून का एक्यूआई 58 था। जबकि पांच नवंबर को की गई मॉनीटरिंग में यह दोगुना से भी अधिक 124 हो गया। 101 से 200 तक एक्यूआई सामान्य श्रेणी में आता है, लेकिन इससे लंग्स, अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। उधर, नैनीताल में अमूमन 10 से 12 तक रहने वाला पीएम 2.5 का स्तर सोमवार को 55 तक पहुंच गया।

दीपावली के तहत मॉनीटरिंग का डाटा आज से मिलेगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक के मुताबिक, देहरादून समेत ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, टिहरी और नैनीताल में दस जगहों पर प्रदूषण की निगरानी हो रही है, जो 19 नवंबर तक चलेगी।

इसलिए बढ़ता है प्रदूषण

दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर डॉ. विजय श्री धर सड़कों से उड़ती धूल, घटता तापमान, आग जलाने, धूल के कण, निर्माण कार्य और वाहनों के धुंए समेत कई कारकों को प्रदूषण बढ़ने का कारण मानते हैं।

धर्मनगरी हरिद्वार में एक्यूआई 130 तक पहुंचा

हरिद्वार शहर में 25 अक्तूबर को एक्यूआई 100 था। छह नवंबर को एक्यूआई 120 से 130 के बीच है। यहां सिडकुल और ऋषिकुल में मॉनीटरिंग की जाती है। उधर, पौड़ी में हवा साफ है। यहां तीन नवंबर को 34.65 एक्यूआई दर्ज किया गया। ऋषिकेश का 62 और काशीपुर का एक्यूआई 111.50 है।

बुजुर्ग-बच्चे अलर्ट रहें

दून अस्पताल के वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि वायु प्रदूषण, ठंड की वजह से सांस एवं दिल के मरीजों को समस्या हो सकती है। बच्चों को भी जल्दी यह परेशानी घेरती है। घर में किसी तरह की लकड़ी न जलाएं, घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें। ज्यादा जरूरत होने पर ही बीमार, बुजुर्ग को घर से बाहर भेजें।

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