
उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ में 5 लोगों की मौत हो गई और 400 लोगों को बचा लिया गया है.
Uttarakhand CM Dhami reaches Uttarkashi, to visit Dharali village
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तरकाशी में रहेंगे और धराली में राहत एवं बचाव कार्यों पर कड़ी नजर रखेंगे. मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर बचाव अभियान की समीक्षा भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरी तत्परता से बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
धराली आपदा पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने जताया दुख
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने और बाढ़ से हुई भीषण आपदा पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यधिक चिंताजनक और दुखद है. सूत्रों के अनुसार लगभग 75 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें सेना के 6 से 8 जवान भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि खीरगंगा के मुहाने पर सेना का छोटा कैंप भी बह गया है, चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है. पूर्व सीएम रावत ने कहा कि धराली एक आधुनिक गांव के रूप में विकसित हो रहा था, जहां अच्छी खेती, बागवानी, होमस्टे और बाजार थे. उन्होंने आशंका जताई कि नुकसान की संख्या 75 से कहीं ज्यादा हो सकती है, नुकसान का सही आकलन प्रशासन ही कर सकेगा.
भटवाड़ी में सड़क धंसने से धराली से सड़क सड़क मार्ग का संपर्क टूटा
उत्तरकाशी के भटवाड़ी में सड़क धंसने से धराली से सड़क सड़क मार्ग का संपर्क टूट गया है. यही वजह है कि जो उत्तरकाशी और देहरादून से आईटीबीपी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम धराली जा रही थी वो रास्ते में ही फंस गई है. फिलहाल सड़क को ठीक करने का कार्य जारी है लेकिन अभी फिलहाल तत्काल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. भटवाड़ी के डीएफओ बलूनी का कहना है कि सड़क ठीक होने में कई घंटे लग सकते है और यही एक सड़क मार्ग है जिससे धराली जाया जा सकता है
भारतीय सेना की सात टीमें मोर्चे पर
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि उत्तराखंड में हर्षिल के निकट धराली के पास हुए विनाशकारी बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने एक त्वरित और समन्वित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है। कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर और दक्षिण दोनों से कटा हुआ है। 225 से ज़्यादा सैन्यकर्मी, जिनमें पैदल सेना और इंजीनियरिंग टीमें शामिल हैं, खोज, बचाव और राहत कार्यों के लिए ज़मीन पर तैनात हैं। टेकला के पास रीको रडार के साथ 7 टीमें काम कर रही हैं। हर्षिल में खोज एवं बचाव कुत्ते तैनात हैं; रिमाउंट और पशु चिकित्सा केंद्रों से और भी कुत्ते आ रहे हैं.