उत्तराखंड में यात्रा पर कुदरत की मार, 12 फीट बर्फ के आगोश में है, हेमकुंड साहिब, सरोवर भी पूरी तरह बर्फ से ढका

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Nature’s attack on the journey in Uttarakhand, 12 feet of snow, Hemkund Sahib, the lake is also completely covered with snow

Uttarakhand, 12 feet of snow, Hemkund Sahib, the lake is also completely covered with snow
Uttarakhand, 12 feet of snow, Hemkund Sahib, the lake is also completely covered with snow

यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी ग्लेशियर में 10 फीट के करीब बर्फ जमी हुई है। हेमकुंड साहिब में आठ से 12 फीट तक बर्फ जमी है। हेमकुंड सरोवर भी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है।

Nature’s attack on the journey in Uttarakhand, 12 feet of snow, Hemkund Sahib, the lake is also completely covered with snow

विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा करीब 12 फीट बर्फ के आगोश में है। यहां लक्ष्मण मंदिर भी आधे से ज्यादा ढका है। 20 मई से हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा शुरू होने जा रही है। यात्रा से पहले हेमकुंड साहिब प्रबंधन के सामने आस्था पथ से बर्फ हटाने की चुनौती रहेगी। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड सहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि 20 अप्रैल से आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बर्फबारी के बाद इस साल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे की पहली तस्वीर सामने आई है। हेमकुंड साहिब पहुंचकर सेना के जवानों द्वारा बर्फ की स्थिति का जायजा लेने के साथ ही आस्था पथ का निरीक्षण किया।

ट्रस्ट के अध्यक्ष बिंद्रा ने बताया कि प्रतिवर्ष यात्रा मार्ग से लेकर हेमकुंड साहिब तक बर्फ हटाने का काम भारतीय सेना द्वारा किया जाता है। 418 इंडिपेंडेंट कोर के ब्रिगेडियर अमन आनंद, ऑफिसर कमांडर सुनील यादव की देखरेख में कैप्टन मानिक शर्मा, सुबेदार मेजर नेकचंद और हवलदार हरसेवक सिंह ने यात्रा मार्ग व बर्फ की स्थिति का जायजा लिया।

यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी ग्लेशियर में 10 फीट के करीब बर्फ जमी हुई है। हेमकुंड साहिब में आठ से 12 फीट तक बर्फ जमी है। हेमकुंड सरोवर भी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है।

गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने भी यात्रा के प्रमुख पड़ाव घांघरिया पहुंचकर गुरुद्वारे का निरीक्षण किया। यहां 15 अप्रैल से ट्रस्ट के सेवादारों के लिए लंगर की व्यवस्था शुरू की जाएगी। घांघरिया में सेना के जवानों के ठहरने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी।

वहीं, हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर जगह-जगह रास्ते का सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के करीब 70 मजदूर भ्यूंडार से घांघरिया के बीच यात्रा मार्ग को व्यवस्थित करने में लगे हुए हैं।

लोनिवि के ईई सुरेंद्र पटवाल ने बताया कि यात्रा मार्ग पर पुलिया, खडंचा का सुधारीकरण और मार्ग पर रेलिंग लगाने का काम लगभग अंतिम चरण में है। भ्यूंडार से आगे रास्ते के मोड़ों की चौड़ाई भी बढ़ा दी गई है, जिससे घोड़े खच्चरों की आवाजाही से तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा न हो। मार्ग के किनारे नालियों का निर्माण भी किया जा रहा है।

हेमकुंड साहिब की पैदल तीर्थयात्रा बेहद कठिन होती है। तीर्थयात्रियों को पुलना से हेमकुंड साहिब तक करीब 15 किलोमीटर की पैदल तीर्थयात्रा करनी होती है। जिससे कई उम्रदराज तीर्थयात्रियों की हेमकुंड साहिब में तबीयत बिगड़ जाती है। हेमकुंड में त्वरित स्वास्थ्य लाभ न मिलने के कारण कई तीर्थयात्री दम तोड़ देते हैं।

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