अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठे माता-पिता, SIT पर आरोपी को बचाने का आरोप
Uttarakhand | Rishikesh: Ankita Bhandari’s parents stage dharna for CBI probe; say SIT is shielding the guilty
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक रिजॉर्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने की मांग को लेकर उसके माता-पिता ने मंगलवार को ऋषिकेश में धरना दिया ।
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) पर दोषी को बचाने के दवाब में होने का आरोप लगाते हुए अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि उन्हें वर्तमान विवेचना पर भरोसा नहीं है लेकिन मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
अंकिता के लिए इंसाफ की मांग को लेकर सामाजिक संगठन ‘युवा न्याय संघर्ष समिति’ द्वारा ऋषिकेश में जारी आंदोलन में भंडारी ने अपनी पत्नी सहित हिस्सा लिया और कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर भी बैठे। इस सामाजिक संगठन से जुड़े लोग अंकिता के लिए न्याय की मांग को लेकर ऋषिकेश के कोयल घाटी क्षेत्र में पिछले एक माह से धरने पर बैठे हैं और क्रमबद्ध तरीके से उपवास कर रहे हैं।
अंकिता के पिता ने आरोप लगाया, ”मामले में अपराध के एक दिन बाद ही तत्काल सबूत नष्ट कर दिए गए। यहां तक कि रिजॉर्ट से सटी फैक्ट्री के कमरों, जहां आरोपी रहता था, में भी आग लगा दी गयी। हमें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब सबूत ही नष्ट हो गए हैं तो दोषी को सख्त सजा कैसे मिलेगी । भंडारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें मुकदमा फास्ट ट्रैक अदालत में चलाए जाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ ।
ऋषिकेश के निकट वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी । प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रिजॉर्ट में एक ‘वीआईपी’ अतिथि को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने से अंकिता ने मना कर दिया था और इसी से उपजे विवाद के चलते उसकी हत्या की गयी ।
भाजपा के पूर्व नेता का पुत्र आर्य और दो अन्य आरोपी-अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं। एसआईटी जांच शुरू हुए करीब दो माह बीत जाने के बावजूद अब तक मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ है और न ही अब तक ‘वीआईपी’ के नाम का खुलासा हो पाया है। अंकिता के पिता ने कहा, ”हमारी पुत्री की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। हम चाहते हैं कि दोषियों को बिना किसी देरी के फांसी पर लटकाया जाए।”