उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ के सिंगधार वार्ड में शुक्रवार की शाम को एक मंदिर ढह गया, जिसने एक बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया।
Panic due to temple collapse in Joshimath, Uttarakhand! Landslide taking a dreadful form, big cracks falling in houses and roads
जोशीमठ में भू-धंसाव अब धीरे-धीरे विकराल रुप ले रहा है। लोग बड़ी तबाही की दहशत के बीच जी रह रहे हैं। इस बीच जोशीमठ में पहला हादसा सामने आया है। यहां शुक्रवार शाम को एक मंदिर ढह गया। इस हादसे के बाद लोगों के भीतर बड़ी तबाही की आशंका ने और ज्यादा भय पैदा कर दिया है। खबरों के मुताबिक, सिंहधार वार्ड मे मां भगवती का मंदिर ढह गया। जिसके बाद से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई, तो उस वक्त मंदिर के भीतर कोई नहीं था, क्योंकि करीब 15 दिन पहले इसमें बड़ी दरार आने की घटना के बाद इसे खाली कर दिया गया था।
शुक्रवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। सुशील कुमा ने कहा था। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। अभी तात्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा था कि प्रभावित लोगों को रैन बसेरों में शिफ्ट किया जा रहा है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होटलों में पर्यटकों के ठहरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
कई परिवारों को किया गया शिफ्ट
जोशीमठ में भूधंसाव का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिससे पूरे शहर में दहशत का माहौल है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से गुरुवार को 60 परिवारों को शिफ्ट किया गया है, जबकि अब तक 50 परिवारों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। वहीं डर का आलम यह है कि अब तक 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं।
मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित, जमीन के अंदर से निक रहा पानी
वहीं मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित है, जहां तीन दिन पहले एक जलभृत फूटा था। क्षेत्र के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि जलभृत से पानी का बहाव लगातार जारी है।
सरकार के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन
जोशीमठ पर अचानक आई इस अनजानी आपदा से परेशान लोगों ने अब धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे पहले गुरुवार रात में जोशीमठ में मसाल जुलूस निकालकर लोगों ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की वजह से ही ये मुसीबत पैदा हुई है। स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम कर विरोध जताया।