धंसता जोशीमठ का अस्तित्व, 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी, डर से पलायन जारी

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The threat to the existence of Joshimath continues! Landslide speed increased in 12 days, scared people are constantly leaving their homes

Joshimath continues! Landslide speed increased in 12 days
Joshimath continues! Landslide speed increased in 12 days

जोशीमठ भू-धंसाव और दरार से डरे सहमे हुए लोग नम आंखों से अपने आशियानों को छोड़ कर जाने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, तो कई प्रभावित लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं।

The threat to the existence of Joshimath continues! Landslide speed increased in 12 days, scared people are constantly leaving their homes

रूड़की: लंबे समय से जोशीमठ में भू-धंसाव और दरार की समस्या देखी जा रही थी, जो समय के साथ तेजी से बढ़ता चला गया। आलम यह है कि अब जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं। इसमें एक बात यह भी सामने आ रही है कि पिछले 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी है। असुरक्षित घोषित दो होटलों को ढहाए जाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला लगातार जारी है। डरे सहमे हुए लोग नम आंखों से अपने आशियानों को छोड़ कर जाने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, तो कई प्रभावित लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं।

इस बीच कल राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए, जिनमें उनके मकानों के किराए की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करना, उनके बिजली-पानी के बिल छह माह की अवधि के लिए माफ करना तथा बैंको से उनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित रखना शामिल है।

रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की तकनीकी निगरानी में दरारों के कारण ऊपरी हिस्से से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए दो होटलों-सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ को तोड़ने की कार्रवाई जारी रही। इन दोनों होटलों के कारण उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घरों को खतरा उत्पन्न हो गया था। उधर, चमोली में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। इन अस्थाई राहत शिविरों में पीड़ितों को ठंड से बचाने के तमाम व्यवस्थायें की गई है। प्रभावितों को कंबल के साथ ही खाद्यान की भी व्यवस्था की गई है। उन भवनों की संख्या अभी 760 ही है, जिनमें दरारें आई हैं। इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है।

चमोली डीएम हिमांशू खुराना ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए कैंप बनाए गए हैं, एक किचन भी बनाया गया है। यह सभी लोगों के लिए खुला है, वे किसी भी समय आकर यहां भोजन कर सकते हैं। मैंने यहां लोगों के साथ भोजन किया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे परस्पर निरीक्षण करते रहें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को ‘स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने फिर साफ किया कि अभी किसी के मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है और केवल आवश्यकतानुसार उन्हें खाली करवाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सर्वेक्षण करने वाले दल अपना काम कर रहे हैं. प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और गुरुवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और हम उसी के अनुसार फैसले ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वहां का जनजीवन सामान्य है और 60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें सामान्य चल रही हैं। इस बीच मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने तथा उन्हें मकान के किराए के रूप में दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि जोशीमठ में राज्य सरकार के संसाधनों से अल्पकालिक एवं मध्यकालिक कार्य जारी रहेंगे, जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर किए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग तथा ग्राम ढाक में चयनित भूखंडों के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत वहां ‘प्री- फेब्रीकेटेड’ संरचनाओं के निर्माण को भी मंत्रिमंडल ने सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी।

700 से अधिक घरों में दरारें

जोशीमठ में 700 से ज्यादा घरों में दरारें देखी गई हैं और जमीन धंसने की खबरें आ रही हैं। वहीं, 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। इसके अलावा, 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है।

अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर में 134 और पालिका मारवाड़ी में 35 घरों में दरारें आ गई हैं। वहीं, लोअर बाजार में 34, सिंहधार में 88, मनोहर बाग में 112, अपर बाजार में 40, सुनील गांव में 64, पारासरी में 55 और रविग्राम में 161 घर भी असुरक्षित जोन में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में अब तक भूस्खलन से 723 घरों में दरारें आ चुकी हैं।

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