नैनीताल से हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने की कवायद तेज हो गई है. नैनीताल हाईकोर्ट के वकील जहां इसका विरोध कर रहे हैं वहीं हल्द्वानी बार एसोसिएशन के साथ ही कई व्यापार मंडल इसके समर्थन में हैं.
Uttarakhand cabinet meeting was held under the chairmanship of CM Pushkar Singh Dhami
It was decided in the cabinet meeting that the Uttarakhand High Court would be shifted from Nainital to Haldwani. A total of 26 resolutions were passed in the meeting.
उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट किए जाने का मुद्दा गरमाता जा रहा है. हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने की कवायद के चलते बार एसोसिएशन के अलग-अलग सुर सामने आते रहे है. हल्द्वानी बार एसोसिएशन ने नैनीताल से हाईकोर्ट गौलापार हल्द्वानी शिफ्ट करने का पुरजोर समर्थन किया है. बार एसोसिएशन ने कहा है कि हल्द्वानी में हाईकोर्ट के शिफ्ट होने से वादियों को सुलभ न्याय उपलब्ध हो पाएगा.
हल्द्वानी बार एसोसिएशन का क्या कहना है
हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब वादियों को नैनीताल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पर्यटन सीजन हो या फिर बरसात में मार्ग बाधित होने की वजह से कई तरह की दिक्कतें होती हैं. यदि हाईकोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट होता है तो यहां वादियों के लिए सभी प्रकार की सुलभ व्यवस्थाएं हैं. बागेश्वर और पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर समर्थन दिया है. हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्षों ने कहा की वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किया जाना चाहिए.
हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने की वजह
हालांकि हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा इसका किए जाने के बाद स्थानीय व्यापार मंडल ने भी अपना समर्थन दिया है. उच्च न्यायालय को शिफ्ट किए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह नैनीताल की भगौलिक स्थिति है. यहां पहाड़ी दरकने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी में स्थानांतरित करने की कोशिश चल रही है.बार एसोसिएशन हल्द्वानी के अध्यक्ष योगेंद्र चुफाल के मुताबिक कुमायूं के लोग भी इसके समर्थन कर रहे हैं. यह तो शासन स्तर पर पहल की जा रही है. वन विभाग से कुछ जमीन भी स्थानांतरित की गई है. हल्द्वानी शिफ्ट होने से लोगों को लाभ होगा.
बार एसोसिएशन हल्द्वानी उपाध्यक्ष प्रकाश जोशी के मुताबिक यह वकीलों का मामला नहीं है. यह तो शासन का निर्णय है. नैनीताल हाईकोर्ट में काम करने वाले स्टाफ और वकील हल्द्वानी से आवाजाही करते हैं. इससे परिवहन से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा. उच्च न्यायालय कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड भी होता है. उसे अगले 30 साल तक हर दस्तावेज को संभालकर रखना होता है. नैनीताल हाईकोर्ट के पास जगह की भी कमी है. ऐसी स्थिति में हल्द्वानी में हाईकोर्ट का स्थानांतरण सही निर्णय है.