पौड़ी बस हादसे में गुड़िया की हुई मौत, मगर मरने से पहले झाड़ियों में फेंककर बचा ली बेटी की जान
Uttarakhand |Gudiya died in Pauri bus accident, but before she died, she saved her daughter’s life by throwing her in the bushes
पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लाक के सिमडी गांव के समीप हुई बरात बस दुर्घटना में रसूलपुर निवासी गुड़िया ने भले ही अपनी जान गंवा दी, लेकिन उसने अपने जिगर के टुकड़े ढाई साल की बेटी शिवानी की जान बचा ली।
बस के पलटते ही गुड़िया ने तेजी दिखाते हुए शिवानी को बस से बाहर झाड़ियों में सुरक्षित फेंक दिया था। वह खुद बस से बाहर नहीं निकल सकी।
गुड़िया रानी की हादसे में हुई मौत
दुर्घटना में शिवानी की माता गुड़िया रानी और उसके ताऊ संगीत की मौत हो गई। उनके घर वाले इससे गहरे सदमे में हैं। बताया जा रहा है कि बरात लेकर जा रही बस के पलटते ही बस में सवार पांच युवक झाड़ियों में कूद गए, इसे देख बस में सवार गुड़िया रानी ने भी तत्काल बेटी शिवानी को भी बस से बाहर झाड़ी में फेंक दिया।
गांव में शिवानी की मां गुड़िया के जज्बे और उसके हौंसले की सभी तारीफ कर रहे हैं। उधर, दुर्घटना से अनभिज्ञ ढाई साल की शिवानी अब भी अपनी मां को ढूंढ रही है। शिवानी से बड़े उसके भाई प्रियांशु को बरात में नहीं भेजा गया था।
तेज रफ्तार के साथ ही ओवरलोडिंग दुर्घटना का कारण
बस दुर्घटना का कारण तेज रफ्तार के साथ ही ओवरलोडिंग भी था। 28 सीटर इस बस का चालक सड़क में तेज ढाल के बाद आए मोड़ पर नियंत्रण खो बैठा और बस खड्ड में गिर गई।
उक्त जीएमओयू बस हरिद्वार के लालढांग के ग्राम कटेबड़ से नंदराम के पुत्र संजीव की बरात लेकर प्रखंड वीरोंखाल के अंतर्गत ग्राम कांडा तल्ला निवासी प्रकाश चंद्र के घर की ओर रवाना हुई थी। लेकिन रास्ते में ही खुशियां मातम में बदल गईं।
रिखणीखाल-बीरोंखाल मोटर मार्ग पर बरात की बस दुर्घटनाग्रस्त होने की मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। इस हादसे में 33 लोगों की मौत हुई थी और 19 बराती घायल हुए।