उत्तराखंड: तपोवन में भारत-अमेरिकी सेना के संयुक्त अभ्यास के दौरान सैनिकों ने कौशल का आदान-प्रदान किया
Five bilateral Army exercises under way, including ‘Yudh Abhyas’ in Uttarakhand
उत्तराखंड में (In Uttarakhand) भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच (Between Indian and US Army) युद्ध अभ्यास (War Exercise) जारी है (Continues) । युद्ध अभ्यास के दौरान भारतीय सेना ने रूस के MI-17V5 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया । उत्तराखंड के औली में ये युद्ध अभ्यास हो रहा है, जो करीब 10 हजार फीट की उंचाई पर है। बता दें कि यह क्षेत्र चीन की सीमा से 100 किलोमीटर दूर है। इस युद्ध अभ्यास से भारत को हिमालय के क्षेत्रों में मजबूती मिलेगी। यह युद्ध अभ्यास हर साल होता है।
इस युद्ध अभ्यास में सेना हेली बॉर्न ऑपरेशन का अभ्यास करेगी, जो काफी अहम होता है। वहीं इस युद्ध अभ्यास से चीन और पाकिस्तान दोनों देशों की नींद उड़ी हुई है। हेली बॉर्न ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये भयानक हमलों के वक्त काफी कारगर साबित होता है। जब 26/11 हमला हुआ था, उस दौरान भी सेना ने इसी हेली बॉर्न ऑपरेशन के जरिए सफलता पाई थी। इस ऑपरेशन में सेना के जवान हेलिकॉप्टर से रस्सी के सहारे जमीन पर उतरते हैं।
यह अभ्यास 1962 के भारत-चीन युद्ध की समाप्ति की 60वीं वर्षगांठ से कुछ दिन पहले शुरू हुआ। तथ्य यह है कि यह अभ्यास चीन के साथ भारत की सीमा के करीब हो रहा है। इससे बीजिंग को नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच बढ़ते करीबी सैन्य संबंधों के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में संयुक्त बेस एल्मडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का में आयोजित किया गया था।
इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के अमेरिकी सेना के जवान और असम रेजिमेंट के भारतीय सेना के जवान अभ्यास में भाग लेंगे। इसमें कहा गया कि अभ्यास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के अध्याय सात के तहत एक एकीकृत युद्ध समूह पर केंद्रित है।
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