देहरादून : तेज तूफान चलने से कोटीकालोनी में टिहरी बांध की झील किनारे स्थित बोटिंग प्वाइंट में अफरातफरी मच गई। इस दौरान लहरों में फंसे चार पर्यटकों को एक बोट चालक ने अपनी जान जोखिम में डालकर मुश्किल से बचाया। तूफान के कारण आपस में टकराने से बोटों को भारी नुकसान हुआ है।
बोट संचालकों ने बताया कि तूफान चलने से करीब 30 बोटों के इंजन में पानी भर गया। मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे तेज तूफान चलने से कोटीकालोनी स्थित बोटिंग प्वाइंट पर खड़ी दर्जनों बोटों को भारी नुकसान हुआ । तूफान इतना तेज था कि वहां खड़ी करीब 105 बोट आपस में टकराने लगी, जिससे 30 से अधिक बोटों के इंजन में पानी भरने से बोटों को भारी नुकसान हुआ है।
बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार ने बताया कि तेज तूफान चलने से प्वाइंट पर खड़ी कई बोटों के इंजन डूब गए और अन्य सभी बोट और जेटी को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बोटिंग कर रहे गुजरात के चार पर्यटक लहरों में फंस गए। पर्यटकों को मुसीबत में देख बोट चालक पवन दीप ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें किनारे लाकर बचाया। बोट यूनियन के संरक्षक पंवार और कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट ने टिहरी झील विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) से मौके का निरीक्षण कर नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं घनसाली टिहरी में भिलंगना ब्लॉक क्षेत्र में मूलगढ़ गदेरा उफान पर आने से घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर करीब दो घंटे तक यातायात बंद रहा। मूलगढ़ गदेरे से भारी मात्रा में मलबा सड़क पर जमा हो गया था, जिससे वाहनों का आवागमन न होने के कारण चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को दो घंटे वहीं सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा। करीब दो घंटे बाद जेसीबी से मलबा साफ करने के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हुआ। तब जाकर वहां फंसे तीर्थयात्रियों ने अपने गंतव्य की ओर रुख किया। तीर्थयात्रियों को सड़क खुलने के इंतजार में दो घंटे तक वहीं वाहनों के अंदर बैठना पड़ा।
उधर हरिद्वार में आधे घंटे की बारिश के बीच कई इलाकों में ओले गिरे। अंधड़ से शहरी क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पेड़ गिर गए। पेड़ों की चपेट में आने से कई वाहनों को नुकसान हुआ। हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई। बिजली के तारों पर पेड़ गिर गए। ब्रेक डाउन से शहर से लेकर देहात तक कई इलाकों में बिजली गुल रही।