साफ है कि विधानसभा भर्तियों और उसमें रखे गए कर्मियों को हटाकर अपनी पीठ थपथपाने वाली विधानसभा अध्यक्ष और पुष्कर धामी सरकार के विधानसभा में रखे वकीलों ने उन्हें शर्मिदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुल मिलाकर बर्खास्त कर्मचारियों की असली दिवाली हो गई है।
Dismissal in Uttarakhand assembly backdoor recruitment turned out to be a sham! Joining again after High Court stay
कहावत ‘सिर मुंडाते ही ओले पड़ना’ उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्ती कार्रवाई पर सटीक बैठती है। कहां तो 230 के लगभग कर्मचारियों को बर्खास्त करने चले थे लेकिन हाई कोर्ट में कमजोर पैरवी के चलते बर्खास्त कर्मचारियों को स्टे मिलने के बाद अब जॉइनिंग देनी पड़ रही है।
उत्तराखंड विधानसभा में कोर्ट से स्टे लेकर आए कर्मचारियों की कल से ज्वाइनिंग शुरू हो गई है। हालांकि, यह ज्वाइनिंग शपथ पत्र के साथ दी जा रही है। अभी साल 2016 भर्ती के लगभग 150 से ज्यादा कर्मचारियों को फिर से ज्वाइनिंग दी जा रही है। बर्खास्त हुए कई कर्मचारियों को अब तक ज्वाइनिंग मिल चुकी है।
वहीं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई को एक और झटका तब लगा, जब 2016 की भर्ती वालों के बाद आज 2021 की भर्ती वालों को भी कोर्ट से स्टे मिल गया। इनकी संख्या 73 है। ऐसे में इन्हें भी जल्द ही ज्वाइनिंग की प्रक्रिया के तहत विधानसभा में फिर से काम करने का मौका मिलेगा।
साफ है कि विधानसभा में हुई भर्तियों और उसमें रखे गए कर्मियों को हटाकर अपनी पीठ थपथपाने वाली विधानसभा अध्यक्ष और धामी सरकार जिन्हें उनके विधानसभा में रखे वकीलों ने शर्मिदा होने का पूरा मौका दिया। कुल मिलाकर बर्खास्त कर्मचारियों की दीपावली भैया दूज सभी सकून से बितेंगे।