उत्तराखंड में बहुमंजिला घर में गुरुवार को भीषण आग लगने की खबर सामने आई है। इस हादसे में चार बच्चों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
Dehradun | The explosions in the cylinders rocked Tuni, the screams of four innocent people were silenced in the blazing flames
उत्तराखंड में बीती रात बड़ा हादसा सामने आया है। यहां चकराता में एक घर के भीतर आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार चार मंजिला घर में गैस सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से यह हादसा हुआ है।
हद लापरवाही तो यह है कि हादसे के बाद आग बुझाने के लिए दमकल की जो गाड़ी पहुंची थी उसमे पानी ही नहीं थी। जिसकी वजह से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस हादसे में चार मासूमों की जान चली गई है।
जानकारी के अनुसार यह हादसा विकासनगर के त्यूणी पुलिस के पास हुआ है। यहां सेवानिवृत्त सूरत राम जोशी के घर पर आग लग गई। इस बिल्डिंग में कई परिवार रहते थे। गुरुवार शाम को घर में भीषण आग लग गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सिलेंडर फटने की आवाज सुनाई दी थी। इस घटना के बाद फायर विभाग को फोन करके जानकारी दी गई। लेकिन जब फायर विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची तो उसके टैंकर में पानी नहीं था। जिसकी वजह से आग को तुरंत बुझाने का काम शुरू नहीं हो पाया।
सीएफओ राजेंद्र खाती ने बताया कि हिमाचल के जुबल और उत्तरकाशी के मोरी से टैंकर यहां पहुंचे हैं। एक गाड़ी को विकासनगर से मंगाया गया, जिसके बाद आग को बुझाया जा सका। इस हादसे में ढाई साल की बच्ची सेजल, पांच साल के बच्चे मिष्टी, नौ साल की सोनम और दस साल की रिद्धी की मौत हो गई है। जिस तरह से दमकल के टैंकर में पानी नहीं होने की बात सामने आई उसपर ग्रामीण काफी नाराज हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जहां पर यह हादसा हुआ वहां से कुछ ही दूरी पर दमकल की गाड़ी खड़ी थी, लेकिन उसे यहां आने में बीस मिनट लग गए। आग बुझाने का काम शुरू हुआ तो पानी खत्म हो गया। अगर टैंकर में पानी होता तो आग को तुरंत बुझाया जा सकता था और चारों बच्चों की जान बच सकती थी।
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