चारधाम यात्रा: केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी, भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटा, पैदल मार्ग ध्वस्त

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Chardham Yatra: Continuous snowfall in Kedarnath Dham, breaking of glacier in Bhairav Gadera destroyed a large part of the pedestrian path

Chardham Yatra: Continuous snowfall in Kedarnath Dham, breaking of glacier in Bhairav Gadera destroyed a large part of the pedestrian path
Chardham Yatra: Continuous snowfall in Kedarnath Dham, breaking of glacier in Bhairav Gadera destroyed a large part of the pedestrian path

चारधाम यात्रा: केदारनाथ धाम में हो रही बर्फबारी, भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग का बड़ा हिस्सा हुआ ध्वस्त

Chardham Yatra: Continuous snowfall in Kedarnath Dham, breaking of glacier in Bhairav Gadera destroyed a large part of the pedestrian path

केदारनाथ: उत्तराखंड में मौसम में हुए बदलाव के बाद केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है। 25 अप्रैल से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होनी है। केदारनाथ यात्रा के लिए पैदल मार्ग को साफ किया जा रहा है। लेकिन मार्ग से बर्फ हटाने वाली टीमों को बहुत मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है। बीते एक हफ्ते से केदारनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है, जिसकी वजह से धाम में यात्रा की तैयारियों में जुटे मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पैदल मार्ग से मजदूरों ने जैसे-तैसे बर्फ के बड़े-बड़े ग्लेशियरों को हटाया था। लेकिन बर्फबारी के चलते फिर से वहां पर बर्फ जम गई है। वहीं, केदारनाथ धाम में अभी भी पांच फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिसे साफ करने में मजदूरों के पसीने छूट रहे हैं। केदारनाथ में बर्फबारी की वजह से जरूर सामग्री भी धाम नहीं पहुंच पा रही है।


एक तरफ जहां बीते कुछ दिनों से प्रदेश में बारिश और बर्फबारी हो रही है। जिसके कारण एक बार फिर ठंड बढ़ गई है, तो वहीं पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी के कारण लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

उधर दूसरी तरफ आज केदारनाथ पैदल मार्ग के भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटा है। ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है। ग्लेशियर से मार्ग की तबाही देख वहां काम कर रहे श्रमिक भी हैरान हैं। ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग बंद हो गया है। केदारनाथ धाम में पिछले एक सप्ताह से लगातार बर्फबारी हो रही है। इस कारण पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। वहीं श्रमिकों को पैदल मार्ग साफ करने में भी बड़ी दिक्कत पेश आ रही है। मजदूर दुआ कर रहे हैं कि बर्फबारी बंद हो तो वो काम को आगे बढ़ाएं।

आज सुबह जब केदारनाथ धाम के लिए मार्ग से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने वाले श्रमिक आगे का काम करने के लिए पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि जिस रास्ते को उन्होंने कड़ी मेहनत से बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं की केदारनाथ यात्रा के लिए साफ किया था, वो आज गायब है। देखा तो पता चला कि यहां तो ग्लेशियर टूटा हुआ है। ग्लेशियर ने उनके बनाए रास्ते को पूरी तरह तबाह कर दिया है। जो रास्ता कल तक घोड़े, खच्चर और आम श्रद्धालुओं के जाने के लिए बहुत शानदार बन गया था, उसका आज वजूद ही मिट गया।

इतना बड़ा ग्लेशियर टूटा है कि वो अपने साथ रास्ते को तोड़कर ले गया, लोहे की मजबूत रेलिंग भी कहां गायब हुई पता ही नहीं चल रहा है। अब उस रास्ते पर सिर्फ बर्फ के बड़े-बड़े गोले और बर्फ की खतरनाक ढलान दिख रही है। केदारनाथ मार्ग की ये हालत देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे बनाने में अब कई दिन और मेहनत करनी पड़ेगी।

ऊखीमठ के उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया है कि गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर भैरव गदेरा, जो हिमखंड जोन है, वहां पर पहाड़ी से बर्फ खिसक कर रास्ते पर आई है। क्षेत्र में लगातार बर्फ गिर रही है, जिससे पहले से जमी बर्फ के नई बर्फ के दबाव के कारण खिसकर नीचे आ रही है।

आपको बता दें कि केदारनाथ धाम में लगातार एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश हो रही है। गौरीकुंड – केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग के भैरव गदेरा और लिनचोली के पास ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल मार्ग पर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, जिससे आवाजाही करना भी मुश्किल हो रहा है। धाम में पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए निर्माण दायी संस्थाओं के 200 के करीब मजदूर डेढ़ सप्ताह पहले ही पहुंच गए थे। धाम में बर्फ को साफ करके निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश में जुटे थे। मगर एक सप्ताह से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मजदूरों के सामने निर्माण कार्यों को शुरू करना मुश्किल हो गया। ऐसे में काफी संख्या में मजदूर सोनप्रयाग लौट आये हैं। कुछ मजदूर अभी भी धाम में बर्फ को साफ करने में जुटे हुए हैं।

केदारनाथ धाम में मौसम खुलने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार हो रही बर्फबारी के कारण द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो गया है। पिछले दिनों मजदूरों ने पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक बर्फ को हटा दिया था। जिसके बाद लगा था कि पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू किया जा सकता है। लेकिन फिर से शुरू हुई बर्फबारी और बारिश के कारण निर्माण कार्य नहीं किये जा सकते हैं। खासकर बर्फबारी में सीमेंट वर्क किया जाना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा अन्य तैयारियों पर भी ब्रेक लग गया है। मार्च महीने में भी धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है।

डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ यात्रा की तैयारियों में मौसम अड़चन पैदा कर रहा है। धाम में पिछले एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश जारी है। केदारनाथ पैदल मार्ग के दो जगहों पर ग्लेशियर टूटने से मार्ग को क्षति पहुंची है। इसके अलावा धाम में बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं। केदारनाथ धाम ने फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है। मौसम साफ होने के बाद बर्फ को हटाने का कार्य किया जाएगा। पुनर्निर्माण के कार्य भी तभी शुरू किए जायेंगे। फिलहाल, केदारनाथ हेलीपैड से मशीनों की मदद से बर्फ साफ करने का कार्य जारी है।

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