धीरेंद्र शास्त्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव देह से बड़ा कोई चमत्कार नहीं है। पर्चे की परंपरा पर उन्होंने कहा कि यह परंपरा आज की नहीं है, बल्कि सदियों से चली आ रही है।
Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham gave a big statement, finally said what his opponents wanted to hear
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री का विवाद से नाता चोली दामन जैसा है। चमत्कार को लेकर सुर्खियों में आए धीरेंद्र शास्त्री ऐसे घिरे कि कई मौको पर तो उन्हें अपना पिंड छुड़ाकर निकलना पड़ा। धीरेंद्र शास्त्री यह साबित नहीं कर पाए कि वह चमत्कार करते हैं। बावजूद इसके अभी भी ऐसे हजारों या फिर कहें लाखों लोग ऐसे हैं जो धीरेंद्र शास्त्री को अभी भी चमत्कारी मानते हैं। उनकी सभाओं में अभी भी हजारों की भीड़ उमड़ रही है। हर दिन हजारों लोग उनकी सभा में पहुंच रहे हैं। पहले की तरह ही पर्ची निकाली जा रही है और बाबा लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए आशीर्वाद भी दे रहे हैं।
अब सवाल यह है कि क्या अभी भी धीरेंद्र शास्त्री खुद को चमत्कारी मानते हैं। इसे लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मेजा पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री मां शीतला धाम कृपा महोत्सव में दरबार लगाया। इसी दौरान उन्होंने चमत्कार को लेकर बयान दिया। दरबार में करीब दो लाख लोग जुटे थे। भीड़ में से एक व्यक्ति से पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि किन्हीं चार लोगों को आप बुलाइए जो आपके परिचित न हों। मैंने उनके नाम पर्चे पर पहले से लिख रखें हैं। जिन चार लोगों की अर्जी लगी।
धीरेंद्र शास्त्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव देह से बड़ा कोई चमत्कार नहीं है। पर्चे की परंपरा पर उन्होंने कहा कि यह परंपरा आज की नहीं है, बल्कि सदियों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भोजपत्र पर पहले ही राम वनवास के बारे में लिख दिया था। धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि मैं कोई चमत्कारी नहीं हूं, मेरे पास कोई चमत्कार नहीं है। मुझसे वही पूछना जो सुन सको। उन्होंने कहा कि बालाजी के दरबार में सबकी अर्जी लग गई है। जो लोग यहां पर अर्जी लेकर आए हैं। बालाजी उनकी मनोकामना पूरी करेंगे।