प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में सरकारी छुट्टी का ऐलान, कल होगा अंतिम संस्कार

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Parkash Singh Badal’s death | Punjab declares public holiday on 27 April in honour of former CM

Parkash Singh Badal's death | Punjab declares public holiday on 27 April in honour of former CM
Parkash Singh Badal’s death | Punjab declares public holiday on 27 April in honour of former CM

पंजाब सरकार ने प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। गुरुवार को पंजाब में सार्वजनिक अवकाश रहेगी। गुरुवार को पूर्व सीएम बादल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Parkash Singh Badal’s death | Punjab declares public holiday on 27 April in honour of former CM

पंजाब सरकार ने शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। बादल का 25 अप्रैल को निधन हो गया था। बादल ने 95 साल की उम्र में मोहाली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।

अधिकारियों बताया कि चूंकि बादल का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाना है, इसलिए राज्य सरकार ने इस दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।

अंतिम संस्कार मुक्तसर जिले में उनके पैतृक गांव बादल में होगा। दाह संस्कार में पार्टी कार्यकर्ता, राजनीतिक नेता समेत कई लोग शामिल होंगे। बादल का पार्थिव शरीर बुधवार को सुबह 10 बजे से चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। बाद में इसे सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव पहुंचाया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बादल के निधन के बाद बुधवार और गुरुवार को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने एक महान नेता खो दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बादल के साथ अपने दशकों पुराने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उनका निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। बादल ने 1970 के दशक के अंत में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

प्रकाश सिंह बादल का जन्म और राजनीतिक सफर


प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना के जाट सिख परिवार में हुआ था। प्रकाश सिंह बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की थी। वह राजनीति में आने से पहले गांव बादल के सरपंच और बाद में लंबी ब्लॉक समिति के अध्यक्ष बने थे। उन्होंने साल 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था।

प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 1970 से 1971 तक फिर 1977 से 1980 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 1997 से 2002 तक और 2007 से 2017 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वही 1995 से 2008 तक वह शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष रहे। अब उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल पार्टी के अध्यक्ष हैं और प्रकाश सिंह बादल संरक्षक थे।

प्रकाश सिंह बादल 1970 में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में विपक्ष में भी अहम भूमिका निभाई। वह 1972, 1980 और 2002 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। वह लोकसभा सांसद भी चुने गए थे। भारत सरकार ने प्रकाश सिंह बादल को 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

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