पुरानी अयोध्या: ‘योगी ‘ मंदिर’ से CM आदित्यनाथ की मूर्ति रहस्यमय ढंग से गायब, मंदिर का अवैध तरीके से निर्माण कराने वाला भी लापता

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Old Ayodhya | CM Aditynath’s statue mysteriously missing from ‘Yogi Mandir’, the one who built the temple illegally also missing

अयोध्या में योगी मंदिर का निर्माण स्थानीय निवासी और खुद को मुख्य मंत्री आदित्यनाथ का प्रचारक बताने वाले प्रभाकर मौर्या ने कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध तरीके से करवाया था।

Old Ayodhya | CM Aditynath’s statue mysteriously missing from ‘Yogi Mandir’, the one who built the temple illegally also missing

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के पूराकलंदर थाना इलाके में अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के किनारे कल्याण भदरसा मजरे मोर्या का पुरवा में बनाए गए योगी मंदिर से सीएम आदित्यनाथ की मूर्ति रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है। मूर्ति गायब होने के संबंध में दो बयान सामने आए हैं। एक बयान पुलिस का है। वहीं दूसरा बयान स्थानीय लोगों का है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की गाड़ी में कुछ लोग आए थे और मूर्ति को उठा ले गए। वहीं, पुलिस का कहना है कि मंदिर का निर्माण कराने वाले प्रभाकर मौर्या ने खुद ही मूर्ति गायब की है।

Old Ayodhya | CM Aditynath’s statue mysteriously missing from ‘Yogi Mandir’, the one who built the temple illegally also missing
Old Ayodhya | CM Aditynath’s statue mysteriously missing from ‘Yogi Mandir’, the one who built the temple illegally also missing

किसने कराया योगी मंदिर का निर्माण, कहां गई मूर्ति?

योगी मंदिर का निर्माण स्थानीय निवासी और खुद को मुख्य मंत्री आदित्यनाथ का प्रचारक बताने वाले प्रभाकर मौर्या ने करवाया था। मूर्ति के गायब होने पर प्रभारी निरीक्षक पूराकलंदर राजेश सिंह ने कहा कि मूर्ति कौन ले गया है, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि मंदिर का निर्माण कराने वाला प्रभाकर ही मूर्ति ले गया है। प्रभाकर कहां है, इस बात की कोई जानकारी नहीं है। उसका मोबाइल भी स्विच आफ है। प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि प्रभाकर मौर्या की तलाश की जा रही है।

अवैध तरीके से कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर बना है योगी मंदिर

जिस जमीन पर योगी मंदिर का निर्माण करवाया गया है उसकी पैमाइश रविवार को सोहावल तहसील के प्रशासनिक अमले ने राजस्व निरीक्षक की मौजूदगी की। राजस्व निरीक्षक दयाराम वर्मा ने बताया कि जिस जमीन और क्षेत्रफल में योगी मंदिर का निर्माण कराया गया है, वह जमीन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के नाम से दर्ज है। उसकी गाटा संख्या 32 और 36 है। कुल रकबा लगभग 40 बीघा से अधिक है। जबकि बगल में स्थापित गाटा संख्या 37 में शनिदेव का मंदिर है जिसका रकबा लगभग 34 बीघा है।

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