मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने धार्मिक स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के अनियंत्रित उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने खुले में मांस की बिक्री पर भी रोक लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
Mohan Yadav orders bans meat sale, loudspeakers in religious places on first day as MP CM
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद मोहन यादव (Mohan Yadav) ऐक्शन में आ गए हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले आदेश में मोहन यादव ने धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया. मध्यप्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार की तरफ से इस आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला दिया गया है. इसके साथ-साथ राज्य में खुले में मांस की बिक्री पर भी रोक लगाने का आदेश जारी किया.
शपथ समारोह में PM भी पहुंचे
इससे पहले मोहन यादव (58) को राज्य की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने पद की शपथ दिलाई. राज्यपाल ने जगदीश देवड़ा (मंदसौर के मल्हारगढ़ से विधायक) और राजेंद्र शुक्ला (रीवा से विधायक) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नितिन गडकरी भी मौजूद रहे. शपथ समारोह में जाने से पहले यादव ने भोपाल में एक मंदिर में पूजा-अर्चना की.
राज्य के 19वें सीएम हैं मोहन यादव
वह जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भाजपा के संस्थापक विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय भी गए. अपनी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर, यादव ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार (क्षेत्रों) और अन्य सभी क्षेत्रों में विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे.’ तीन बार के BJP विधायक यादव मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं।
शिवराज युग का अंत
साल 2003 के बाद से मध्यप्रदेश में भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं. साथ ही यादव भी ओबीसी वर्ग से आते हैं. मुख्यमंत्री के रूप में यादव की नियुक्ति से भाजपा के दिग्गज नेता और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के युग का भी अंत हो गया, जिन्होंने करीब दो दशकों तक राज्य की राजनीति पर दबदबा बनाए रखा. यादव मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में नहीं थे. उन्हें अहम पद की जिम्मेदारी देना आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय पर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत से अधिक है.