भाजपा मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर फेंकी गई स्याही, दिया था विवादित बयान

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Maharashtra: Ink thrown on minister Chandrakant Patil over remarks, 3 arrested

Maharashtra: Ink thrown on minister Chandrakant Patil over remarks, 3 arrested
Maharashtra: Ink thrown on minister Chandrakant Patil over remarks, 3 arrested

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील अपने एक बयान की वजह से फिलहाल विवादों में घिरे हुए हैं। इसी के चलते आज पुणे के पिंपरी-चिंचवड इलाके में उनके ऊपर एक शख्स ने स्याही फेंक कर अपना विरोध जताया है। फिलहाल पुलिस ने इस व्यक्ति को अपनी हिरासत में ले लिया है।

Maharashtra: Ink thrown on minister Chandrakant Patil over remarks, 3 arrested

मुंबई: महाराष्ट्र बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील (Chandrakant Patil) के ऊपर पुणे के पिंपरी-चिंचवड इलाके में स्याही फेंकी गई है। चंद्रकांत पाटील जब एक कार्यक्रम के लिए जा रहे थे तब अचानक उन पर एक व्यक्ति ने स्याही फेंक दी थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को अपनी हिरासत में लिया है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर राज्य के एक मंत्री के ऊपर कोई व्यक्ति इस तरह से स्याही क्यों फेंकेगा। दरअसल चंद्रकांत पाटिल ने यह बयान दिया था कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर , कर्मवीर भाऊराव पाटील (बहुजनों के लिए स्कूल खोलने वाले), महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीमाई फुले ने भीख मांगकर स्कूल खोले थे। पाटिल का यही बयान अब उनके लिए और उनकी पार्टी के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। पाटिल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की विपक्षी पार्टियों ने उन पर और बीजेपी (BJP) पर जमकर निशाना साधा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए चंद्रकांत पाटील ने कहा कि अगर मेरी बातों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगने में शर्म महसूस नहीं करूंगा क्योंकि मेरा मन आपकी तरह छोटा नहीं है।

खबर में ख़ास…

  • भाजपा नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर अज्ञात शख्स ने स्याही फेंकी
  • चंद्रकांत पाटिल ने बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिया था विवादित बयान
  • चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने वाले शख्स को हिरासत में लिया गया
  • विपक्ष ने भी चंद्रकांत पाटिल पर जमकर निशाना साधा है

चंद्रकांत पाटिल यहीं नहीं रुके उन्होंने अपनी बातों को सही साबित करने के लिए एक और उदाहरण देकर नया विवाद पैदा कर दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भीख का मतलब जैसे गणेशोत्सव या किसी अन्य त्योहार पर लोगों के पास चंदा मांगना। पाटिल के इस बयान के बाद यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर भीख और चंदा मांगने में कोई अंतर है या नहीं। चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मेरे ऊपर चाहे सेकने वाले लोगों ने बाबासाहेब अंबेडकर (Baba Saheb Ambedkar) का अपमान किया है।

क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने शुक्रवार को स्कूलों के अनुदान के कार्यक्रम में बयान दिया कि महाराष्ट्र में ज्योतिबा फुले, डॉ़ बाबासाहेब आंबेडकर और कर्मवीर भाउराव पाटील जैसे महान लोगों को भी स्कूल खोलने के लिए लोगों से भीख मांगनी पड़ी थी, क्योंकि तब सरकारें स्कूलों को अनुदान नहीं देती थी। महापुरुषों द्वारा स्कूल खोलने के लिए लोगों से भीख मांगने वाले उनके इस बयान को विपक्ष ने महापुरुषों का अपमान बताया है। विपक्ष का आरोप है कि इन महापुरुषों ने कभी भी किसी से भीख नहीं मांगी, बल्कि समाज के उत्थान के लिए जन सहयोग का सहारा लिया था।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बयान जारी कर चंद्रकांत पाटील के इस बयान की निंदा की है। पटोले ने सवाल किया कि ‘क्या बीजेपी के मंत्री चंद्रकांत पाटील को ‘भीख’ और ‘लोगों से चंदा और दान’ लेने के बीच का फर्क नहीं पता है?’ उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में दिए गए बयान पर भी बीजेपी के किसी भी नेता ने अब तक माफी नहीं मांगी है।

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