BJP MP प्रीतम मुंडे और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे छोड़ने वाली हैं भाजपा!

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BJP MP Pritam Munde and former Maharashtra minister Pankaja Munde are going to leave BJP!

BJP MP Pritam Munde and former Maharashtra minister Pankaja Munde are going to leave BJP!
BJP MP Pritam Munde and former Maharashtra minister Pankaja Munde are going to leave BJP!

क्या महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे और उनकी बहन भाजपा सांसद प्रीतम मुंडे भाजपा छोड़ने वाली हैं? क्या दोनों बहने एनसीपी में शामिल होने वाली हैं? पंकजा के हाल के बयानों से इन कयासों को हवा मिली है।

BJP MP Pritam Munde and former Maharashtra minister Pankaja Munde are going to leave BJP!

क्या महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे बीजेपी छोड़ने वाली हैं? क्या वह जल्द ही शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी – एनसीपी में शामिल होने वाली हैं? क्या पंकजा के साथ उनकी बहन और महाराष्ट्र में बीड से बीजेपी सांसद प्रीतम मुंडे भी पार्टी का साथ छोड़ने वाली हैं?

हाल के दिनों के सारे संकेत यही बता रहे हैं कि मुंडे बहनें अधिक दिनों तक बीजेपी में नहीं रहने वाली। वैसे भी बीजेपी ने बीते कुछेक वर्षों से इन दोनों के हाशिए पर धकेल रखा है। पंकजा और प्रीतम महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटियां हैं। इसके अलावा कभी बीजेपी के कद्दावर नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की भतीजियां हैं। लेकिन अब बीजेपी में इन दोनों का विश्वास डगमगा गया है क्योंकि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने इन दोनों को ही किसी भी अहम भूमिक में नहीं रखा है।

प्रीतम मुंडे की बात करें तो, बीजेपी में वह अकेली नेता हैं जो खुलकर आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में सामने आई हैं। बुधवार को प्रीतम ने एक बयान में कहा कि, “एक महिला और सांसद होने के नाते मैं इस बात से शर्मिंदा हूं कि हमारी रेसलर बहने इस किस्म के शोषण और उत्पीड़न का सामना कर रही हैं।”

प्रीतम मुंडे का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहलवानों के मुद्दे पर अभी तक केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी चुप हैं। वहीं इस बारे में पूछे गए सवालों पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी तो बाकायदा भागती ही नजर आईं।

हाल के दिनों में यह चर्चा भी रही है कि पंकजा मुंडे उद्धव ठाकरे की शिवसेना में शामिल हो सकती हैं, क्योंकि उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट तौर पर कहा था कि, “मैं तो बीजेपी में हूं, लेकिन पार्टी मेरी नहीं है।” इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि वे अपने ‘भाई’ के पास भी जा सकती हैं। उनका इशारा उन्होंने चचेरे भाई धनंजय मुंडे की तरफ था जो एनसीपी में हैं और उन्होंने 2019 के विधानसभा चनाव में बीड जिले की पारली सीट से उन्हें हराया था।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में पंकजा मुंडे के इस बयान के राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जिस कार्यक्रम में पंकजा ने यह बात कही उसका आयोजन राष्ट्रीय समाज पक्ष ने किया था। राष्ट्रीय समाज पक्ष 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणविस सरकार के साथ गठबंधन में रहा है। अहिल्याबाई होल्कर की जयंती मनाने के लिए हुए इस कार्यक्रम में पंकजा यहां तक कह गईं कि अगर किसी की उनके पिता से सियासी तौर पर नहीं बनती थी, तो वह अपने भाई के पास जा सकत हैं।

ध्यान रहे कि देवेंद्र फडणविस हर बार पंकजा को राज्यसभा सीट देने के खिलाफ रहे हैं। हाल के दिनों में पंकजा की बीड जिले में चलने वाली वैद्यनाथ चीनी फैक्टरी पर जीएसटी अधिकारियों ने छापा मारा था। यह फैक्टरी कई वर्षों से घाटे में चल रही थी और फिलहाल बंद पड़ी है। इस छापे के बाद यह चर्चा जोर पकड़ गई है कि बीजेपी अपने ही नेताओं को निशाना बना रही है।

पंकजा मुंडे ने कहा कि, “मैं किसी बात से नहीं डरती। भय हमारे खून में नहीं है। अगर मेरे पास कुछ भी नहीं रहेगा, तो मैं खेतों में जाकर गन्ना काटूंगी। मैं स्वार्थी नहीं हूं और मुझे किसी चीज की इच्छा या आकांक्षा नहीं है। मैं बीजेपी में हूं, लेकिन बीजेपी के लिए मैं कुछ भी नहीं हूं।”

बीजेपी के कुछ सूत्रों का कहना है कि पंकजा इन दिनों पार्टी से नाराज हैं। हालांकि पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने इससे इनकार किया है। उन्होंने कहा कि, “उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने जो कुछ कहा वह वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी की मौजूदगी में कहा। इसलिए हम सच्चाई जानते हैं।” वैसे यह चर्चा तो आम है ही कि नितिन गडकरी के भी महाराष्ट्र या केंद्र में बीजेपी नेताओं के साथ कोई बहुत अच्छे रिश्ते नहीं हैं।

इस बीच एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एक तरह से इस बात की पुष्टि की है कि पंकजा बीजेपी से नाराज हैं क्योंकि बीजेपी में पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर उन लोगों को तरजीह दी जा रही है जो एमवीए का साथ छोड़कर आए हैं।

उधर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता संजय राउत ने स्पष्ट कहा कि पंकजा को अब साफ करना चाहिए कि वह क्या चाहती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने ऊपर विश्वास होना चाहिए और परिणामों की चिंता किए बिना फैसला लेना चाहिए।

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