कुश्ती संघ के चुनाव की तारीख आगे बढ़ाई गई, वोटिंग लिस्ट में बृजभूषण के दामाद का नाम – सवालिया निशान

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WFI Elections delayed to July 11, Objection raised on Brij Bhushan Singh’s son in-law in voting list

WFI Elections delayed to July 11, Objection raised on Brij Bhushan Singh’s son in-law in voting list
WFI Elections delayed to July 11, Objection raised on Brij Bhushan Singh’s son in-law in voting list

डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद पर रहते हुए बृजभूषण ने गलत तरीके से कई राज्यों का मान्यता रद्द किया था, राज्य इकाइयों ने यह दावा किया है। बता दें कि एडहॉक समिति ने बुधवार को राज्य इकाइयों को बैठक के लिए बुलाया था।

WFI Elections delayed to July 11, Objection raised on Brij Bhushan Singh’s son in-law in voting list

भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव अब 5 जुलाई की जगह 11 जुलाई को होंगे। अब यह चुनाव पांच दिनों के टल गया है। बता दें कि आईओए की एडहॉक समिति ने चुनाव में मताधिकार की मांग कर रही पांच अमान्य प्रदेश ईकाइयों की दलीलें सुनने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव 11 जुलाई को कराने का फैसला किया है। हाई कोर्ट के सेवानिवृत जज एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति से पांच प्रदेश ईकाइयों महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश ने संपर्क किया था।

खबरों के मुताबिक, यह भी पता चला है कि कुछ सदस्यों ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के परिवार के सदस्यों को चुनाव में मतदान करने की अनुमति दिए जाने की संभावना पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी राज्य संघ में ‘अवैध तरीके से नियुक्ति’ हुई है।

डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद पर रहते हुए बृजभूषण ने गलत तरीके से कई राज्यों का मान्यता रद्द किया था, राज्य इकाइयों ने यह दावा किया है। बता दें कि एडहॉक समिति ने बुधवार को राज्य इकाइयों को बैठक के लिए बुलाया था। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि आधा दर्जन और राज्यों ने बृजभूषण के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं।

बृजभूषण के दामाद विशाल सिंह का नाम मतदाता सूची में शामिल करने पर आपत्ति जताई गई है। बता दें कि विशाल बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। यदि रिटर्निंग ऑफिसर उनकी अपील को सही मानते हैं, तो बृजभूषण के दामाद आगामी चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं होंगे।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि बृजभूषण के परिवार से किसी को भी प्रमुख पदों के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को यह तय करने में बड़ी भूमिका होगी कि अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के पद पर कौन रहेगा।

राज्यों के दावों के बाद एडहॉक समिति ने यह फैसला लिया है कि सभी मामलों को धैर्यपूर्वक सुनेंगे और निर्णय लेंगे कि उनमें से कौन से महासंघों को डब्ल्यूएफाई के चुनावों में मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।

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