
रिपोर्टों के अनुसार, चूरलमाला के कुछ इलाकों में लगभग 400 परिवार फंसे हुए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जिले और उसके आसपास के सभी उपलब्ध स्वास्थ्य अधिकारियों को अभियान में शामिल होने के लिए कहा गया है। कई लोगों के घायल होने की खबर है।
Wayanad landslide | Death toll rises to 63, a total of 116 injuries reported so far
केरल के वायनाड के चूरलमाला में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इससे पहले 19 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। 100 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है। भूस्खलन रात करीब 2 बजे हुआ और इलाका पूरी तरह से कट गया।
खराब मौसम के कारण दो हेलीकॉप्टर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में उतरने में असमर्थ रहे। हेलीकॉप्टर अब कोझिकोड में इंतजार कर रहे हैं। बचाव कार्य शुरू करने के लिए दो हेलीकॉप्टर कुछ कर्मियों और मदद सामग्रियों के साथ पहुंच गए हैं। लेकिन उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में उतरने की प्रतिक्षा करनी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार सुबह केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद मीडिया को बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिल रही है और इस समय इस बारे में ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
रिपोर्टों के अनुसार, चूरलमाला के कुछ इलाकों में लगभग 400 परिवार फंसे हुए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जिले और उसके आसपास के सभी उपलब्ध स्वास्थ्य अधिकारियों को अभियान में शामिल होने के लिए कहा गया है। कई लोगों के घायल होने की खबर है।
मंत्री जॉर्ज ने कहा, “हमने यह सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है कि सभी चिकित्सा आपूर्ति प्रभावित क्षेत्रों और क्षेत्र के अस्पतालों में पहुंचाई जाए। कन्नूर और कोझिकोड से चिकित्सा दल घायल लोगों के उपचार में तेजी लाने के लिए पहुंचेंगे। फिलहाल 70 घायलों का वायनाड के कुछ अस्पतालों में इलाज चल रहा है।”
केरल के मुख्य सचिव वी. वेणु ने स्थानीय मीडिया को बताया, “रात दो बजे के आसपास कम से कम दो से तीन बार भूस्खलन हुआ। इस समय, कुछ प्रभावित क्षेत्र कटे हुए हैं। मौसम भी एनडीआरएफ टीमों के लिए कुछ प्रभावित क्षेत्रों में जाने के लिए अनुकूल नहीं है। सभी लोग सतर्क हैं। हम समन्वय स्थापित कर बचाव कार्य करेंगे। अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने लोग फंसे हुए हैं। बचाव कार्य को सुनिश्चित करने के लिए लोगों को एयरलिफ्ट करने सहित सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।