बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक बोर्ड को जो प्रस्ताव भेजा है, उसके मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली की दरों में 16 प्रतिशत, कमर्शियल दरों में 12 और कृषि की दरों में 10 से 12 फीसदी तक इजाफा करने का प्रस्ताव रखा गया है।
Will electricity consumers in Uttar Pradesh feel ‘current’ of inflation? Proposal to increase electricity rates by up to 23%
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लग सकता है। घरेलू बिजली के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल बिजली कंपनियों ने बिजली की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है। अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगी तो घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली की कीमत 3.50 से बढ़कर ₹4.35- (पहली 100 यूनिट) हो जाएगी। वहीं, 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने पर ₹5. 50 पैसे प्रति यूनिट की जगह 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा।
बात करें शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की तो उनके लिए बिजली कंपनियों ने 300 से ज्यादा यूनिट बिजली खपत पर ₹6.50 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर ₹8 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव रखा गया है। कंपनियों ने यह प्रस्ताव विद्युत नियामक बोर्ड को भेज दिया है। अब राज्य की बीजेपी सरकार को इस पर फैसला लेना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी देनी है या नहीं।
बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक बोर्ड को जो प्रस्ताव भेजा है, उसके मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली की दरों में 16 प्रतिशत, कमर्शियल दरों में 12 और कृषि की दरों में 10 से 12 फीसदी तक इजाफा करने का प्रस्ताव रखा गया है।
वहीं, बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के खिलाफ राज्य विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दायर की गई है। इसके अनुसार, बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से करीब 25133 करोड़ रुपये से ज्यादा पहले से वसूल लिए हैं। ऐसे में कंपनियों को बिजली की दारों में बढ़ोतरी करने की बजाए कम करने का प्रस्ताव देना चाहिए। उपभोक्ता परिषद के मताबिक, अगर इस आधार पर बिजली कंपनियों ने गौर किया तो इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और आने वाले करीब 5 सालों तक उपभोक्ताओं को बेहद कम बिल चुकाना पड़ेगा।