प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध के मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की स्वतंत्र समिति

MediaIndiaLive

देहरादून: पंजाब सरकार की तरफ से केंद्र की जांच समिति की निष्पक्षता पर संदेह उठाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी को पंजाब दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध के मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार की गठित समिति को भंग कर दिया है। और अब सेंध की साजिश के अंदेशे के तहत जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक स्वतंत्र समिति का गठन कर दिया है।

स्वतंत्र जांच समिति की अगुवआई सुप्रीम कोर्ट के ही रिटायर्ड जस्टिस करेंगे। देश मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन, जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया है।

इस मामले में शुक्रवार को शुरू हुई सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने आज आगे बढ़ाया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रवैये पर नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि जब शुक्रवार की सुनवाई में उसने केंद्र और पंजाब सरकार, दोनों की तरफ से गठित जांच समिति को काम करने से सोमवार तक रोक दिया था, तो फिर केंद्र सरकार ने पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को कारण बताओ नोटिस क्यों भेजा। इस पर केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कारण बताओ नोटिस शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने से पहले ही जारी किया गया था।

आज की सुनवाई में पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया भी पेश हुए। उन्होंने संदेह जताया कि केंद्र सरकार की जांच समिति निष्पक्ष जांच नहीं करेगी। एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने प्रधानमंत्री के यात्रा विवरण को रिकॉर्ड में ले लिया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को बिना सुनवाई के सात कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।उन्होंने तर्क दिया, ‘यह कारण बताओ नोटिस (कहां से) आया है जब कार्यवाही रोक दी गई थी? मुझे केंद्र सरकार की समिति से न्याय नहीं मिलेगा।’ यह दावा करते हुए कि अधिकारियों की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी, पटवालिया ने पंजाब सरकार का पक्ष रखते हुए मामले में एक स्वतंत्र जांच समिति के गठन की मांग कर दी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया।

कोर्ट ने केंद्र द्वारा जांच की आवश्यकता पर सवाल उठाया। जस्टिस हिमा कोहली ने पूछा, ‘कारण बताओ नोटिस जारी करके आप दिखाते हैं कि आपने तय कर लिया है कि आप कैसे आगे बढ़ेंगे। तो इस अदालत को इस मामले में क्यों जाना चाहिए?’

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘आपका कारण बताओ नोटिस पूरी तरह से विरोधाभासी है। समिति का गठन करके, आप पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या एसपीजी अधिनियम का उल्लंघन हुआ है और फिर आप राज्य के मुख्य सचिव (सीएस) और पुलिस महानिदेशक (डीजी) को दोषी मानते हैं। उन्हें दोषी?’

यह देखते हुए कि सीएस और डीजी मामले के पक्षकार हैं, कोर्ट ने आगे पूछा, ‘राज्य और याचिकाकर्ता निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं और आप निष्पक्ष सुनवाई के खिलाफ नहीं हो सकते हैं। तो आपके द्वारा यह प्रशासनिक और तथ्य-खोज जांच क्यों?’

जस्टिस कोहली ने कहा, ‘जब आपने नोटिस जारी किया, तो यह हमारे आदेश से पहले था और उसके बाद, हमने अपना आदेश पारित किया। आप उनसे 24 घंटे में जवाब देने के लिए कह रहे हैं, यह आपसे अपेक्षित नहीं है।’

पुलिस ने कहा प्रधानमंत्री आ रहे हैं, हमें लगा वे झूठ बोल रहे हैं, पीएम का काफिला रोकने पर बोले बीकेयू नेता

सीजेआई एनवी रमन ने तब कहा, ‘यदि आप राज्य के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं, तो इस न्यायालय को क्या करना बाकी है?’

सीजी मेहता ने तब सुझाव दिया, ‘यदि आपको लगता है कि कारण बताओ नोटिस अंतिम परिणाम को पूर्व निर्धारित करता है, तो केंद्र सरकार की समिति इस मुद्दे की जांच करेगी और अदालत को रिपोर्ट करेगी और तब तक, समिति नोटिस पर कार्रवाई नहीं करेगी। मुझे लगता है कि यह उचित है।’

तब राज्य के वकील पटवालिया ने बताया कि केंद्र सरकार की समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय (एमएचए) करता है और इसमें कैबिनेट सचिव, एसपीजी के महानिरीक्षक (डीजी) और खुफिया ब्यूरो के निदेशक (आईबी डायरेक्टर) शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, ‘एमएचए प्रमुख इसका नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी प्रथम दृष्टया राय है कि मैं पहले से ही दोषी हूं।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले की जांच के लिए स्वतंत्र जांच कमिटी का गठन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस कमिटी की अगुवाई करेंगे। समिति में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के डीजी और इंटिलेजेंस ब्यूरो (IB) की पंजाब यूनिट के एडिशनल डीजी भी शामिल होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

व्यस्त जीवनशैली में कैसे पाए कब्ज से निजात

देहरादून : आजकल की व्यस्त जीवनशैली के चलते लोग फास्टफूड और बाहर की चीजों को खाने के आदि हो गए है I वहीं, कुछ स्वादिष्ट खाने के चक्कर में अक्सर लोग बाहर का खाना खा लेते हैं। लेकिन सेहत के लिए यह नुकसानदायक है। खासतौर से उन लोग के लिए […]

You May Like

error: Content is protected !!