त्योहारी सीजन से पहले आम लोगों को झटका लगा है। आरबीआई ने 50 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। अब आपकी EMI और बढ़ जाएगी।
RBI Governor Shaktikanta Das announces that RBI “increases the policy repo rate by 50 basis points to 5.9% with immediate effect.”
एक बार फिर आम लोगों को झटका लगा है। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गई है। शुक्रवार को खत्म हुई अपनी बाय-मंथली बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की।
लोन होंगे महंगे
होम लोन, वीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और बिजनस लोन भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है।
इससे पहले लगातार तीन बार हो चुकी थी बढ़ोतरी
RBI ने देश में महंगाई को काबू में करने के लिए उठाए गए कदमों के तहत मई महीने से अब तक रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। कोरोना काल में जो रेपो दर 4 फीसदी पर थी, वह अब बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई थी। आज इसमें फिर 0.50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गई गई है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो दर का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन और ईएमआई से है। दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है।
रिवर्स रेपो रेट क्या है?
जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दे।