देश में 5G सेवा लॉन्च, जानें ग्राहकों के लिए क्या बदल और कैसे कर पाएंगे इसका इस्तेमाल?

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PM Modi launches 5G services at 6th India Mobile Congress

PM Modi launches 5G services at 6th India Mobile Congress
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फिलहाल सिर्फ देश के चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में ही 5G कनेक्टिविटी मिलेगी। 5G नेटवर्क का विस्तार अगले साल के आखिर तक पैन इंडिया लेवल पर होगा।

PM Modi launches 5G services at 6th India Mobile Congress

देश में लंबे इंतजार के बाद 5G सर्विसेस लॉन्च हो गया है। दिल्ली के प्रगति मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2022 की शुरुआत करते हुए 5G सर्विस को लॉन्च किया। इसके साथ ही भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां लेटेस्ट जेनरेशन की टेलीकॉम सर्विसेस ग्राहकों की अब दी जा सकेगी।

5G कैसे काम करता है?

5G के तेज काम करने के पीछे हैं, मिली मीटर वेब्स, यह एक तरह की रेडियों तरेंगे होती हैं। स्मार्ट फोन और अन्य स्मार्ट डिवाइस इन्हीं मिली मीटर वेब्स से जुड़े होते हैं।

देश में किन जगहों पर 5G नेटवर्क उपलब्ध रहेगा?

देश के सभी शहरों में शुरूआत में 5G सेवा उपलब्ध नहीं होगी। फिलहाल सिर्फ देश के चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में ही 5G कनेक्टिविटी मिलेगी। 5G नेटवर्क का विस्तार अगले साल के आखिर तक पैन इंडिया लेवल पर होगा।

5G सर्विस का आप कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?

अब यह जानते हैं कि 5G सर्विस आप कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। 5G सेवा इस्तेमाल करने आपको नए सिम कार्ड की जरूर फिलहाल नहीं पड़ेगी। ग्राहक अपने पुराने सिम पर ही 5G सेवा का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, इस सेवा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों के फोन में 5G सपोर्ट होना जरूरी है। इसके साथ ही फोन में उन बैंड्स का भी होना जरूरी है, जिस पर 5G सेवा उपलब्ध होगी।

ग्राहकों को 5G में क्या नया मिलेगा?

5G नेटवर्क इस्तेमाल करने वाले ग्राहको को सिर्फ तेज स्पीड इंटरनेट ही नहीं, बल्कि बेहतर टेलीकॉम सेवा और कॉल कनेक्टिविटी भी मिलेगी। मतलब यह कि 5G नेटवर्क पर टेलीकॉम अनुभव आपका बेहतर होगा। ऐसा दावा किया जा रहा है। 5G स्पेक्ट्रम नीलामी जुलाई में हुई थी और उसके बाद से ही देश के लोगों को 5G सेवा का इंतजार था।

5G में कमियां क्या हैं?

5G में कई खूबियां होने के साथ कई कमियां भी हैं। मिली मीटर वेब्स ज्यादा दूर तक नहीं जा सकतीं, साथ ही अगर बीच में कोई ऑब्जेक्ट आ जाए तो कनेक्टिविटी टूट जाती है। किसी जगह पर ज्यादा स्मार्टफोन होते हैं तो यह फ्रीक्वेंसी बंट जाती हैं और नेटवर्क धीमा हो जाता है। 4G पर नेटवर्क की बात करें तो 500 वर्ग किलो मीटर में 10 लाख डिवाइज कनेक्ट हो सकते हैं। जबकि 5G पर सिर्फ एक वर्ग किलोमीटर में ही 10 लाख डिवाइस कनेक्ट किए जा सकेंगे।

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