28 अगस्त को नूंह में फिर निकलेगी जलाभिषेक यात्रा, पलवल महापंचायत में ऐलान, हथियार लाइसेंस की मांग

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Palwal Mahapanchayat: Hindu groups to resume Jalabhishek Yatra in Nuh on Aug 28; seek arms licence

Palwal Mahapanchayat: Hindu groups to resume Jalabhishek Yatra in Nuh on Aug 28; seek arms licence
Palwal Mahapanchayat: Hindu groups to resume Jalabhishek Yatra in Nuh on Aug 28; seek arms licence

महापंचायत में हिंसा की एनआईए से जांच, नूंह में रहने वाले हिंदुओं को हथियार लाइसेंस, नूंह को गोहत्या मुक्त जिला घोषित करने, जिले में दर्ज एफआईआर को गुरुग्राम स्थानांतरित करने, सुरक्षा बलों की स्थायी तैनाती करने समेत कई मांगें भी रखी गईं।

Palwal Mahapanchayat: Hindu groups to resume Jalabhishek Yatra in Nuh on Aug 28; seek arms licence

इस महीने की शुरुआत में हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में हुई हिंसक झड़पों के बाद एक हिंदू समूह सर्व हिंदू समाज ने आज हरियाणा के पलवल में एक महापंचायत बुलाई, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को फिर से 28 अगस्त को निकालने का फैसला लिया गया। महापंचायत में आसपास के कई गांवों के सैकड़ों लोग एकत्र हुए थे, जिसे देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम किए थे।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की जलाभिषेक यात्रा को फिर से शुरू करने पर चर्चा के लिए पलवल के पोंडरी गांव में सर्व हिंदू समाज द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें हरियाणा के खापों, धार्मिक नेताओं और हिंदू निकायों के सदस्य शामिल हुए। महापंचायत में 28 अगस्त को नूंह में ब्रज मंडल जलाभिषेक यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया गया। पलवल के पोंडरी गांव में भारी सुरक्षा की तैनाती के बीच पंचायत हुई।

नूंह में 31 जुलाई को यात्रा के कारण हुई सांप्रदायिक झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। महापंचायत ने सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से निष्पक्ष जांच कराने और मुस्लिम बहुल नूंह जिले को हरियाणा के अन्य जिलों में मिलाने की भी मांग की। उन्होंने मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी और नूंह दंगों में घायल हुए लोगों के लिए 50 लाख रुपये देने की मांग की। दूसरी मांग थी कि नूंह में रह रहे रोहिंग्या और किसी भी अन्य देश के लोगों को हटाया जाए।

इसके साथ ही महापंचायत ने आत्मरक्षा के लिए नूंह में रहने वाले हिंदुओं के लिए हथियार लाइसेंस, नूंह को गोहत्या मुक्त जिला घोषित करने, जिले में दर्ज एफआईआर को गुरुग्राम में स्थानांतरित करने, वहां सुरक्षा बलों- आरएएफ या पुलिस की स्थायी तैनाती की भी मांग की। नूंह के पूर्व एसपी वरुण सिंगला के खिलाफ जांच की भी मांग की गई जो संभावित हिंसा की खुफिया जानकारी के बावजूद छुट्टी पर थे। उन्होंने दंगों में शामिल लोगों से हिंदुओं की दुकानों और घरों को हुए नुकसान की वसूली की भी मांग की।

गुरुग्राम विहिप के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया, “हमने तय किया है कि यात्रा योजना के अनुसार 28 अगस्त को फिर से शुरू होगी। राज्य भर से लोग जुलूस निकालेंगे और श्रृंगार मंदिर तक एक समान यात्रा के लिए नलहर मंदिर में इकट्ठा होंगे। हम लोगों से यात्रा में शामिल होने का आग्रह करते हैं, जिसे पहले भीड़ द्वारा बाधित किया गया था।”

बजरंग दल नेता कुलभूषण भारद्वाज ने कहा, “इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। आज की महापंचायत में यात्रा को फिर से शुरू करने, एनआईए जांच, पीड़ितों के लिए मुआवजा, नूंह में रहने वाले हिंदुओं के लिए हथियार लाइसेंस समेत कई फैसले लिए गए हैं। ऐसी हिंसा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

विहिप के वरिष्ठ नेता अरुण जेलदार ने बताया, “हमारे हिंदू भाइयों की मांग के अनुसार, हमने 28 अगस्त को नूंह में जलाभिषेक यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह हमारा धार्मिक जुलूस था और इसे निर्धारित योजना के अनुसार पूरा किया जाएगा। हम पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं और जो लोग दोषी पाए गए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।”

महापंचायत में हरियाणा की कई खापों, विहिप और बजरंग दल के नेताओं, सोहना के वर्तमान और पूर्व विधायकों, नूंह बीजेपी अध्यक्ष नरेंद्र पटेल, अरुण जेलदार और वरिष्ठ विहिप नेता कुलभूषण भारद्वाज सहित अन्य लोगों ने भाग लिया। महापंचायत में केवल 500 लोगों की अनुमति के बावजूद, इससे कहीं ज्‍यादा लोग एकत्र हुए। महापंचायत को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी करने के साथ ही बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक इलाके में गश्त करती रहीं।

यह महापंचायत पहले नूंह में ही आयोजित होने वाली थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से नूंह प्रशासन ने इसे नामंजूर कर दिया और किसी तरह के पंचायत की इजाजत नहीं दी। हालांकि, बाद में पलवल प्रशासन ने महापंचायत के लिए करीब 500 लोगों के इकट्ठा होने की सशर्त अनुमति दे दी। प्रशासन ने यह भी कहा कि अगर कोई किसी भी तरह का नफरत भरा भाषण देगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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