केरल में निपाह के मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सर्कूलर जारी किया

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Nipah scare | Karnataka issues circular for districts bordering Kerala

Nipah scare | Karnataka issues circular for districts bordering Kerala
Nipah scare | Karnataka issues circular for districts bordering Kerala

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां निपाह वायरस से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। मौत के बाद अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बना दिया है।

Nipah scare | Karnataka issues circular for districts bordering Kerala

केरल के कोझिकोड में फैला निपाह वायरस के दूसरे राज्यों में फैलने का खतरा मंडराने लगा है। डर इस बात का है जो सैलानी केरल घूमने गए हैं, या फिर घूमने जाने के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए खतरा है। कहीं उनके जरिए दूसरे राज्यों में यह वायरस फैल न जाए। यही वजह है कि कर्नाटक सरकार ने अपने राज्य के लोगों के लिए एक सर्कूलर जारी किया है। कर्नाटक सरकार ने सर्कूलर जारी करते हुए कहा कि लोगों को केरल के प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है।

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां निपाह वायरस से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। मौत के बाद अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। निपाह वायरस का ‘बांग्लादेश वेरिएंट’ केरल के कोझिकोड जिले में तेजी से फैल रहा है। इसका 5वां केस भी सामने आया है। ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल है।

क्या है निपाह वायरस?

निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। चिकित्सा शोध से पता चलता है कि यह चमगादड़ और सूअर के जरिए इंसानों में तेजी में फैलता है। जो फल चमगादड़ या सूअर के संपर्क में आते हैं, उन्हीं के जरिए यह बीमारी इंसानों तक पहुंचती है। संक्रमण के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देती है। इसकी जद में जो भी व्यक्ति आता है उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में भयानक दर्द और तेज बुखार होता है।

कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेसिया में हुई थी। उस वक्त इस बीमारी की चपेट में 250 से अधिक लोग आए थे। 40 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं?

यह इंसान और जानवरों में फैलने वाला संक्रमण है। मनुष्यों में निपाह वायरस की वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है। बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम होता है। रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे करें बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए। पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं रखें।

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