देश में 2022 में सड़क हादसों का शिकार हुए 32 हजार से ज्यादा पैदल लोग

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More than 32,000 pedestrians become victims of road accidents in 2022, India

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राज्यसभा सांसद ने सदन को बताया कि सड़क पर होने वाले हादसों में 58 फ़ीसदी दुर्घटनाएं पैदल चलने वाले व्यक्तियों की हो रही हैं। भारत में दुर्घटनाओं का यह आंकड़ा देखा जाए तो 2022 में लगभग 32,825 पैदल चलने वाले व्यक्ति दुर्घटनाओं के शिकार हुए।

More than 32,000 pedestrians become victims of road accidents in 2022, India

सड़क हादसों में पैदल चल रहे व्यक्ति सबसे अधिक असुरक्षित होता है। भारत में करीब 32 हजार पैदल व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं में हताहत हुए हैं। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने गुरुवार को यह जानकारी सदन के समक्ष रखते हुए सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

राज्यसभा सांसद ने सदन को बताया कि सड़क पर होने वाले हादसों में 58 फ़ीसदी दुर्घटनाएं पैदल चलने वाले व्यक्तियों की हो रही हैं। भारत में दुर्घटनाओं का यह आंकड़ा देखा जाए तो 2022 में लगभग 32,825 पैदल चलने वाले व्यक्ति दुर्घटनाओं के शिकार हुए।

राकेश सिन्हा ने राज्यसभा को बताया कि यह ग्लोबल ट्रेंड है, और इस प्रकार के हादसे पूरे विश्व में हो रहे हैं। उनके मुताबिक पूरी दुनिया में 1.2 मिलियन एक्सीडेंट होते हैं। सिन्हा ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 2022 में 7500 एक्सीडेंट हुए हैं। बड़ी बात यह है कि अमेरिका में हुए ये सड़क हादसे वर्ष 2010 की तुलना में 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं।

उन्होंने बताया कि भारत में भी इस प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में कहा कि पैदल चलने वालों का एक प्राकृतिक और मौलिक अधिकार होता है। जब नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण हो रहा है तो उन स्थानों पर छोटे-छोटे व्यापारी, फल विक्रेता, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पहले से स्थित होता है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा तथ्यों के मुताबिक, पैदल चलने वालों में 31 प्रतिशत व्यक्ति व्यावसायिक कारणों से पैदल चलते हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस संदर्भ में मैं सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा की मांग करता हूं।

उन्होंने कहा कि सामान्य संदर्भ में जहां भी सड़क का चौड़ीकरण हो या विस्तारीकरण किया जाए, वहां उन स्थानों पर स्थानीयता को सुरक्षित रखा जाए। यानि स्थानीय लोग जो पैदल यात्रा करते हैं, परंपरागत तरीकों से यात्रा करते हैं, बैलगाड़ी से चलते हैं, घोड़ा गाड़ी से चलते हैं, टमटम से चलते हैं, उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हमारा कर्तव्य है।

राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में कहा कि चूंकि नेशनल हाईवे बड़े-बड़े शहरों को जोड़ता है, इसलिए स्थानीय लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं होना चाहिए। इसी के साथ ही राकेश सिन्हा ने बिहार के बेगूसराय में पैदल यात्रियों को सड़क दुर्घटना से बचने के लिए दो फ्लाईओवर बनाए जाने की मांग की।

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