मध्य प्रदेश के ग्वालियर में फूड पॉइजनिंग के कारण 100 से अधिक छात्र बीमार पड़ गए, जिनमें से कई बच्चों को LNIPE ग्वालियर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
Madhya Pradesh | More than 100 students of physical education institute fall sick, food poisoning suspected
मध्य प्रदेश: ग्वालियर के एलएनआईपीई में उस समय हड़कंप मच गया, जब अचानक सैकड़ों बच्चे मैस का खाना खाकर बीमार पड़ गए. लक्ष्मी बाई नेशनल फिजिकल यूनिवर्सिटी में 100 से ज्यादा बच्चों के एकाएक बीमार पड़ने के बाद अफरा-तफरी मच गई. खाना खाने के बाद देर रात सभी की अचानक तबीयत बिगड़ गई. मंगलवार रात बच्चों को उल्टी दस्त होने पर एलएनआईपीई के हेल्थ सेंटर में ही प्राथमिक उपचार दिया गया था. इसके बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर बच्चों को देर रात जेएएच के हजार बिस्तर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बीमार हुए सभी बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार बताए जा रहे है. वहीं इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आ रही है.
लक्ष्मी बाई नेशनल फिजिकल यूनिवर्सिटी में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए बच्चों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने सोमवार रात को खाने में पनीर खाया था. जिसके बाद एक-एक कर कई छात्र-छात्राएं बीमार हो गए. रातभर उन्हें एलएनआईपीई के हेल्थ सेंटर में ही प्राथमिक उपचार दिया गया. मगर मंगलवार दिन तक बच्चों की तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी. इसके बाद सभी पीड़ित बच्चों को मंगलवार रात जेएएच के हजार बिस्तर अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
100 से ज्यादा बच्चे बीमार
इस पूरे मामले में 100 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए. मंगलवार देर रात पीड़ितों को हजार बिस्तर अस्पताल में भर्ती कराया गया. दरअसल छात्रों ने बताया कि सोमवार रात उन्होंने सादा चपाती और पनीर खाया था. खाने के बाद सोने गए छात्रों को आधी रात पेट दर्द और दस्त की शिकायत शुरु हो गई. विश्वविद्यालय प्रबंधन को उस समय यह बात सामान्य लगी, लेकिन मंगलवार दिन तक हालत बद से बदतर हो गए और करीब 100 से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए.
साथ छात्रों की हालत गंभीर
उल्टी-दस्त से ग्रसित हुए 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को तत्काल एलएनआईपीई के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. मगर हालत में सुधार आने की जगह और अधिक बिगड़ गई. वहीं एलएनआईपीई के हॉस्पिटल में इतनी तादाद में बीमार हुए छात्रों को संभालने के लिए स्टाफ भी नहीं था. जिसके बाद मंगलवार देर रात करीब 80 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को जेएएच के हजार बिस्तर अस्पताल में भर्ती करवाया गया.