हरियाणा में MSP की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज विश्वासघात: कांग्रेस

MediaIndiaLive

Live | Congress calls lathi charge on farmers demanding MSP in Haryana a betrayal, targets BJP

Live | Congress calls lathi charge on farmers demanding MSP in Haryana a betrayal, targets BJP
Live | Congress calls lathi charge on farmers demanding MSP in Haryana a betrayal, targets BJP

#सीधा_प्रसारण | हरियाणा में MSP की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज को कांग्रेस ने बताया विश्वासघात, BJP पर साधा निशाना

Live | Congress calls lathi charge on farmers demanding MSP in Haryana a betrayal, targets BJP

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मध्य प्रदेश के चर्चित मंदसौर गोलीकांड की 6ठीं बर्सी पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहबाद में कल बीजेपी ने फिर अपना किसान विरोधी चेहरा दिखाया। कल जिस बर्बरता के साथ किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। बहुत से किसान घायल हैं, उनकी हालत गंभीर है। 10 किसान अस्पताल में भर्ती हैं। बहुत सारे किसानों को सरकार द्वारा अभी भी हिरासत में रखा गया है। इससे कहीं न कहीं ब्रिटेन सामराज्य की क्रूरता याद आ गई। यह स्पष्ट हो चुका है कि यह सरकार न किसान की है, न जवान की और ना ही पहलवान की है। यह सरकार सिर्फ धनवान की है। लाल बहादुर शास्त्री द्वारा नारा दिया गया था, जय जवान, जय किसान। अब सरकार ने इस नारे को बदल दिया है। पिटे किसान, जय धनवान, यह नारा बीजेपी का है।

उन्होंने कहा, “कल जो लाठीचार्ज किया गया वो किस मुद्दे को लेकर हुआ? एक सीधा और सरल मुद्दा है, एमएसपी। किसान सूरजमुखी पर एमएसपी की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी कि सूरजमुखी को एमएसपी पर खरीदा जाए। जो न्यूनतम समर्थन मूल्य है वह किसान के जीवन को सपोर्ट करने के लिए न्यूनतम है। इसका निर्धारण किसान नहीं करता है। इसका निर्धारण सरकार करती है। सरकार इसका निर्धारण करते हुए सिर्फ यह देखती है कि जो खर्चा फसल को तैयार करने में आएगा, कम से कम वह खर्चा किसान का पूरा हो जाए। यह आज इस देश में एमएसपी का फॉर्मूला है। समय समय पर यह मांग उठती रही की किसान को पूरी तरह से लाभकारी मूल्य मिले। खर्चे के साथ कम से कम 50 फिसदी का मुनाफा मिले। लेकिन आज यह विषय भी दब गया है।”

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, “यह सरकार ऐसे तीन कृषि कानून लेकर आई, जिसमें एमएसपी का कंसेप्ट ही धूमिल हो रहा था। इस पर किसानों ने आंदोलन किया। एक साल तक किसान आंदोलन चला। इस दौरान साढ़े सात सौ किसानों ने इस आंदोलन में अपनी जानें कुर्बान कर दीं। आजाद भारत के इतिहास में यह पहला ऐसा आंदोलन था, जो इतना व्यापक था और इतना लंबा चला। प्रधानमंत्री जी खुद देश के सामने आए और किसानों से कहा कि आंदोलन वापस लो। और आंदोलन की वापसी में सरकार ने जो आश्वासन दिया वो दो थे। एक, तीन कानूनों को आपस लिया जाएगा और दूसरा एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए कमेटी बनेगी। आज उस बात को भी डेढ़ साल से ज्यादा हो गया। सरकार ने ऐसी कमेटी बनाई जिसमें एमएसपी को लीलग गारंटी देने का कोई रिफरेंस नहीं था। सरकार के जो खास आदमी थे उन्हें उस कमेटी में जो जगह मिली। ऐसे लोगों को उस कमेटी में जगह मिली, जिनका खेती से कोई लेना देना नहीं था। किसानों ने शुरू से कहा कि यह कमेटी हमारे लिए मान्य नहीं होगी। डेढ़ साल हो गए, उस कमेटी का क्या हुआ कुछ अता पता नहीं है।”

उन्होंने कहा कि कल जो यह लाठीचार्ज हुआ है। वह सरकार द्वारा की गई दो से तीन विश्वासघात का प्रतीक है। पहला यह किसान आंदोलन से विश्वासघात का प्रतीक है। कल किसान सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य मांग रहे थे। यह बीजेपी और सरकार के किसान विरोधी होने का भी प्रतीक है। यह हरियाणा सरकार के लठतंत्र का प्रतीक है। हरियाणा में एक ऐसी सरकार है जिसमें, पिछले कुछ वर्षों में कोई ऐसा वर्ग नहीं है, जिसे इस सरकार ने लाठी की भाषा में जवाब न दिया हो।

Follow Us on… Dailyhunt kootwitter fb GOOGLE NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हादसा | राजस्थान के फतेहपुर में कार-ट्रक की टक्कर, चार लोगों की मौत

Horrific collision of car and truck in Fatehpur, Rajasthan, four people died in the accident
Horrific collision of car and truck in Fatehpur, Rajasthan, four people died in the accident

You May Like

error: Content is protected !!