हाथरस रेप कांड की कवरेज करने आ रहे पत्रकार कप्पन को पुलिस ने मथुरा में गिरफ्तार किया था. उस समय आरोप लगा था कि कप्पन प्रतिबंधित संस्था पीएफआई के सक्रिय सदस्य है और कवरेज की आड़ में वह हाथरस की कानून व्यवस्था को प्रभावित करने आ रहे हैं.
Lucknow, Uttar Pradesh | Kerala journalist Siddique Kappan who was booked by the UP government under the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) released from jail after he was granted bail.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ ईडी को ठोस सबूत नहीं पेश कर पायी है. कप्पन की जमानत याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कप्पन को निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. आज गुरुवार को कप्पन जेल में बंद कैदियों की गिनती के बाद रिहा हुए.
जेल से रिहा होने के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं. मुझे सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए. मैं अब बाहर आकर खुश हूं.
पत्रकार कप्पन को ईडी ने अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था. उनके ऊपर पीएफआई से संबंध रखने और इसी प्रतिबंधित संस्था के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
कप्पन की गिरफ्तारी भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में हुई थी.इस मामले में कई दिनों तक ईडी की हिरासत और करीब दो साल तक जेल की सजा काटने के बाद आज पत्रकार कप्पन विधिवत जेल से रिहा हो जाएंगे. कप्पन के वकील इशान बघेल ने बताया कि सेशन कोर्ट ने पत्रकार कप्पन की जमानत पर साइन कर दिए हैं. उन्हें गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिला एवं सेशन जज संजय शंकर पांडेय ने अपने आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि यदि कप्पन किसी अन्य केस में वांछित ना हों तो उन्हें जेल से रिहा किया जाए.
हाईकोर्ट ने दिसंबर में दी थी जमानत
पीएमएलए केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पत्रकार कप्पन को 23 दिसंबर 2022 को ही जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट में जस्टिस डीके सिंह के सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें ईडी की जांच में कई खामियां पायी गई थीं. मामले की सुनवाई के दौरान ईडी 1.36 लाख रुपये की हेराफेरी के इस मामले में पत्रकार की भूमिका को प्रमाणित नहीं कर पायी. ईडी की ओर से आरोप लगाया गया था कि पत्रकार ने प्रतिबंधित संस्था पीएफआई के इशारे पर इस राशि को आतंकवाद के लिए हेराफेरी की थी.
सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुकी है जमानत
इससे पहले पत्रकार कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने भी सितंबर 2022 में जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट में कप्पन के खिलाफ विधि विरुद्ध गतिविधियों के रोकथाम का मामला लाया गया था. हालांकि इस जमानत के बाद भी पीएमएलए केस पेंडिंग होने की वजह से उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकी थी. केस डायरी के मुताबिक पत्रकार कप्पन केरल में मलपुरम के रहने वाले हैं. पांच अक्टूबर 2020 को जब वह हाथरस कांड की कवरेज के लिए आए थे तो उन्हें मथुरा टोल प्लाजा पर अरेस्ट किया गया था. उनके साथ तीन अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई थी. उस समय पुलिस ने उन्हें पीएफआई का सक्रिय सदस्य बताया था.
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