करगिल विजय दिवस: पाक ने किया था पीठ पर वार, फिर भी हमारे जांबाजों ने चटाई थी धूल, युद्ध में कब क्या हुआ, जानें…

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Kargil Vijay Diwas 2023 | History, significance and celebrations

Kargil Vijay Diwas 2023 | History, significance and celebrations
Kargil Vijay Diwas 2023 | History, significance and celebrations

पाकिस्तान ने इस जंग की शुरूआत 3 मई 1999 को करते हुए करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ की थी और वहां कब्जा जमा लिया था।

Kargil Vijay Diwas 2023 | History, significance and celebrations

देश आज करगिल विजय दिवस मना रहा है। देशभर में इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। करगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी की ऐसी मिसाल है, जिस पर पूरे देश को गर्व है। हाड़ कंपा देना वाली सर्दी में करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर करगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने अपने 527 से ज्यादा वीर सूपतों को खोया था। इस दौरान 1300 से ज्यादा जांबाज देश के लिए लड़ते हुए जख्मी हुए थे।

करगिल में 5 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने की थी घुसपैठ

पाकिस्तान ने इस जंग की शुरूआत 3 मई 1999 को करते हुए करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ की थी और वहां कब्जा जमा लिया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था, वहां बम बरसाए गए। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया।

करगिल युद्ध में बड़ी तादाद में रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया। जंग के दौरान करीब ढाई लाख गोले दागे गए, 5,000 से ज्यादा बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद करगिल युद्ध ही ऐसा युद्ध था, जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी।

करगिल युद्ध में कब क्या हुआ?

  • 3 मई,1999 : एक बकरवाल (चरवाहे) ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना द्वारा घुसपैठ कर कब्जा जमाने की सूचनी दी।
  • 5 मई : भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में लेकर उनमें से 5 की हत्या कर दी।
  • 9 मई : पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का भंडार नष्ट हो गया।
  • 10 मई : पहली बार लद्दाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया।
  • 26 मई : भारतीय वायुसेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया।
  • 27 मई : कार्यवाही में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया।
  • 28 मई : एक मिग-17 हैलीकॉप्टर पाकिस्तान की तोप की जद में आ गया। इसमें चार भारतीय फौजी शहीद हुए।
  • 1 जून : एनएच- 1A पर पकिस्तान की तरफ से भारी गोलाबारी की गई।
  • 5 जून : पाकिस्तानी रेंजर्स से मिले कागजातों को भारतीय सेना ने अखबारों के लिए जरी किया, जिसमें पाकिस्तानी रेंजर्स के मौजूद होने का सबूत था।
  • 6 जून : भारतीय सेना ने पूरी ताकत से जवाबी कार्यवाही शुरू कर दी।
  • 9 जून : बाल्टिक क्षेत्र की 2 अग्रिम चौकियों पर भारतीय सेना ने फिर से कब्जा जमा लिया।
  • 11 जून : भारत ने जनरल परवेज मुशर्रफ और आर्मी चीफ लेफ्टीनेंट जनरल अजीज खान से बातचीत का रिकॉर्डिंग जारी की, जिससे साफ हुआ कि इस घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना का हाथ है।
  • 13 जून : भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर में तोलिंग पर कब्जा कर लिया।
  • 15 जून : अमेरिकी राष्ट्रपति बिल किलिंटन ने परवेज मुशर्रफ से फोन पर कहा कि वह अपनी सेना को कारगिल सेक्टर से बहार बुला लें।
  • 29 जून : भारतीय सेना ने टाइगर हिल के नजदीक दो महत्त्वपूर्ण चौकियों पोइंट 5060 और पोइंट 5100 पर फिर से कब्जा कर लिया।
  • 2 जुलाई : भारतीय सेना ने कारगिल पर तीन तरफ से हमला बोल दिया।
  • 4 जुलाई : भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर दोबारा कब्जा हासिल कर लिया।
  • 5 जुलाई : भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर पर अपना कब्जा हासिल किया। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बिल किलिंटन को बताया कि वह कारगिल से अपनी सेना को हटा रहे हैं।
  • 7 जुलाई : भारतीय सेना ने बटालिक में जुबर हिल पर कब्जा पा लिया।
  • 11 जुलाई : पाकिस्तानी रेंजर्स ने बटालिक से भागना शुरू कर दिया।
  • 14 जुलाई : प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की जीत की घोषणा कर दी।
  • 26 जुलाई : प्रधानमंत्री ने इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाए जाने का ऐलान किया।

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