
झारखंड में शिबू सोरेन के निधन पर शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
Jharkhand government announces a three-day state mourning after the demise of JMM founding patron and former CM Shibu Soren.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का चार अगस्त को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके बेटे और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। ‘दिशोम गुरु’ के नाम से विख्यात शिबू सोरेन पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां वे किडनी की बीमारी और ब्रेन स्ट्रोक के कारण आईसीयू में थे।
झारखंड आंदोलन के पुरोधा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन के गहरे शोक में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा का यह सत्र 7 अगस्त तक चलने वाला था।
सोमवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने दुख के साथ शिबू सोरेन के निधन की सूचना दी। उन्होंने कहा, “आज का यह दिन झारखंड की राजनीति और समाज के लिए अत्यंत दुखद है। दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण वंचितों, आदिवासियों और झारखंड की पहचान के लिए समर्पित किया। झारखंड को अंधकार से उजाले की ओर ले जाने वाले इस महान योद्धा का जाना केवल इस राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए अपूरणीय क्षति है।
विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के बाद पूरे सदन में कुछ देर के लिए मौन छा गया। फिर विधायकों ने खड़े होकर ‘वीर शिबू सोरेन अमर रहें’, ‘दिशोम गुरु अमर रहे’ के नारों के साथ उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी दलों के नेताओं ने शिबू सोरेन के राजनीतिक जीवन, आदिवासी समाज के उत्थान में उनके योगदान और झारखंड आंदोलन में उनकी केंद्रीय भूमिका को याद किया।
वहीं दूसरी ओऱ झारखंड में उनके समर्थकों और JMM कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को हजारीबाग के नेमरा गांव में हुआ था। उनके निधन को झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।