अडानी ग्रुप को लेकर जारी हुई रिपोर्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में दायर जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ जांच की मांग की गई है। साथ ही अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
Issue of report on Adani Group reached Supreme Court, demand for compensation to investors of Adani Group
अडानी एंटरप्राइजेज का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में इस मामले को लेकर पीआईएल दाखिल की गई है। इस याचिका में यूएस-आधारित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ जांच की मांग की गई है, जिसकी रिपोर्ट के कारण अडानी समूह के शेयरों में भाई गिरावट आई है। याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता का नाम एमएल शर्मा है।
शर्मा ने शॉर्ट-सेलिंग फर्म और इसके संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच की मांग की है। शर्मा ने एंडरसन के खिलाफ कार्रवाई और अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों के लिए मुआवजे देने की मांग की है।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।
कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?
हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट में क्या है?
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।