भारत सरकार की ओर से दिसंबर के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। नवंबर में यह 5.55 प्रतिशत थी। वहीं, एक वर्ष पहले दिसंबर 2022 में ये 5.72 प्रतिशत थी।
India’s retail inflation reaches 4-month high of 5.69% in December
भारत सरकार की ओर से दिसंबर के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। नवंबर में यह 5.55 प्रतिशत थी। वहीं, एक वर्ष पहले दिसंबर 2022 में ये 5.72 प्रतिशत थी।
महंगाई दर में बढ़त हुई है।
भारत सरकार की ओर से दिसंबर के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। नवंबर में यह 5.55 प्रतिशत थी। वहीं, एक वर्ष पहले दिसंबर 2022 में ये 5.72 प्रतिशत थी।
महंगाई बढ़ने का कारण
देश में खुदरा महंगाई दर बढ़ने की वजह खाद्य वस्तुओं की कीमत का उच्चतम स्तर पर होना है। हालांकि, यह लगातार चौथ महीना है। जब महंगाई दर आरबीआई की ओर से तय किए गए टारगेट 6 प्रतिशत से नीचे रही है। बता दें, खाद्य वस्तुएं महंगाई दर मापने के लिए उपयोग में आने वाली बास्केट का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा होता है। नवंबर में भी महंगाई दर उच्च स्तर पर रहने का बड़ा कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों का अधिक होना है।
IIP में हुई गिरावट
महंगाई दर के साथ सरकार द्वारा नवंबर आईआईपी यानी इंडिया इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। नवंबर में आईआईपी गिरकर 2.4 प्रतिशत रह गया है। वहीं, अक्टूबर में ये 11.7 प्रतिशत पर था।
खाद्य वस्तुओं में बढ़ी महंगाई
एनएसओ की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया है कि दिसंबर 2023 में फूड बास्केट में खुदरा महंगाई दर 9.53 प्रतिशत रही है। इससे पहले नवंबर में खाद्य वस्तुओं में खुदरा महंगाई दर 8.7 प्रतिशत पर थी। एक वर्ष पहले ये 4.9 प्रतिशत थी।
आरबीआई की ओर से खुदार महंगाई दर के लिए 2 प्रतिशत से लेकर 6 प्रतिशत की रेंज तय की गई है। दिसंबर की मॉनेटरी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर का लक्ष्य 5.4 प्रतिशत तय किया गया है। इस वर्ष अगस्त में आरबीआई द्वारा महंगाई के लक्ष्य को 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया गया था।