कांग्रेस ने कहा कि अब आईएमएफ ने भी भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाकर 6.8% कर दिया। अब तो लिस्ट लंबी होती जा रही है। विश्व बैंक, आरबीआई, एशियन डेवलपमेंट बैंक, मूडीज, फिच ये सब पहले ही जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा चुके हैं। अर्थव्यवस्था बेहाल, ये कैसा अमृतकाल?
IMF lowers India’s FY23 growth forecast to 6.8% on slower revival, tepid demand
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को साल 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया। इससे पहले जुलाई में उसने चालू वित्त वर्ष में भारत के लिए 7.4 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया था। 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी।
आईएमएफ के अनुमान को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों पर जोरदार हमला बोला है।
कांग्रेस ने कहा कि…
आईएमएफ ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा दिया और 6.8% कर दिया। अब तो लिस्ट लंबी होती जा रही है।
- विश्व बैंक,
- आरबीआई,
- एशियन डेवलपमेंट बैंक,
- मूडीज,
- फिच
ये संस्थान पहले ही जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा चुके हैं। अर्थव्यवस्था बेहाल, ये कैसा अमृतकाल?
दरअसल ईएमएफ द्वारा भारत के विकास अनुमान को कम करने के पीछे साल 2022 की पहली छमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संकुचन, रूस-यूक्रेन युद्ध, यूरो मुद्रा में गिरावट, चीन में कड़े लॉकडाउन और निरंतर कोरोना वायरस के प्रकोप जैसे कारणों को वजह माना जा रहा है।
आर्थिक सलाहकार और आईएमएफ के अनुसंधान निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था को तीन शक्तिशाली ताकतों के सुस्त प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है – यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, लगातार और व्यापक मुद्रास्फीति के दबाव और चीन में मंदी के कारण एक लागत-जीवन संकट।”