पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर कर्मचारियों का मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

admin

Huge protest in Delhi seeking to restore Old Pension Scheme

Huge protest in Delhi seeking to restore Old Pension Scheme
Huge protest in Delhi seeking to restore Old Pension Scheme

सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि चार राज्य पहले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं तो केंद्र इसे लागू क्यों नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हमें एनपीएस नहीं चाहिए, हमें यह शेयर बाजार योजना नहीं चाहिए। संविधान भी कहता है कि पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है।

Huge protest in Delhi seeking to restore Old Pension Scheme

पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देश भर के हजारों सरकारी कर्मचारी रविवार को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तत्वावधान में आयोजित ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ का आयोजन मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बजाय पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया।

रैली के आयोजकों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि चार राज्य पहले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं तो केंद्र इसे लागू क्यों नहीं कर सकता। देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों सरकारी कर्मचारियों ने रामलीला मैदान में रैली में हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के पुणे से आए जितेंद्र ने कहा कि देश में 2004 से और महाराष्ट्र में 2005 से पुरानी पेंशन योजना बंद है। हमें एनपीएस (नई पेंशन योजना) नहीं चाहिए, हमें यह शेयर बाजार योजना नहीं चाहिए। संविधान भी कहता है कि पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है।

यह रैली तब आयोजित की जा रही है, जब केंद्र सरकार इस साल मार्च में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को चुनने का एकमुश्त विकल्प लेकर आई थी। कार्मिक मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003, जिस दिन एनपीएस अधिसूचित किया गया था, से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों पर केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल हुए, वे केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए पात्र हैं। सरकारी कर्मचारियों का चुनिंदा समूह 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प को चुन सकता है।

मंत्रालय ने कहा था कि एक बार इस्तेमाल किया गया विकल्प अंतिम होगा। इस संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन, संदर्भ और अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया गया है। आदेश में कहा गया है कि ”उन सभी मामलों में जहां केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारी को किसी पद या रिक्ति के विरुद्ध नियुक्त किया गया है, जिसे एनपीएस के लिए अधिसूचना की तारीख यानी 22 दिसंबर 2003 से पहले भर्ती/नियुक्ति के लिए विज्ञापित/अधिसूचित किया गया था और 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल होने पर एनपीएस के तहत कवर किया गया है, सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत कवर करने के लिए एक बार विकल्प दिया जा सकता है।”

आदेश में कहा गया था कि वे सरकारी कर्मचारी जो विकल्प का प्रयोग करने के पात्र हैं, “लेकिन जो निर्धारित तिथि तक इस विकल्प का प्रयोग नहीं करते हैं”, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किया जाना जारी रहेगा। ओपीएस के तहत कर्मचारियों को एक परिभाषित पेंशन मिलती है। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम आहरित वेतन की 50 प्रतिशत राशि का हकदार है। वहीं एनपीएस के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन के लिए योगदान करते हैं जबकि सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है। ओपीएस को एनडीए सरकार ने 2003 में 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दिया था।

Follow Us on… Dailyhunt kootwitter fb GOOGLE NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

महाराष्ट्र: बुलढाणा में बेलगाम ट्रक ने सड़क किनारे सो रहे 10 मजदूरों को कुचला, 5 की मौत

5 Killed After Truck Runs Over Sleeping Labourers In Maharashtra
MP: Teenage boy killed, 20 injured as bus overturns in Chhatarpur

You May Like

error: Content is protected !!