अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने और समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी उथल-पुथल के बावजूद बाजार नियामक सेबी इस मामले पर खामोश हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि सेबी की कमेटी के सदस्य से रिश्तों के कारण क्या ऐसा है!
Gautam Adani’s Samdhi is a member of SEBI’s Insider Trading Committee, is that why SEBI is silent till now!
अडानी समूह की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने और उसके बाद समूह की कंपिनयों के शेयरों में भारी उथल-पुथल के बावजूद बाजार रेगुलेटर सेबी (सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की संदिग्ध खामोशी को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब बोर्ड के एक अहम अधिकारी का नाम लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि इस अधिकारी का अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी से नजदीकी रिश्ता है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को एक ट्वीट के जरिए इस बात का खुलासा किया कि जाने-माने वकील साइरिल श्रॉफ अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के समधी हैं। साइरिल श्रॉफ सेबी की कार्पोरेट गवर्नेंस एंड इनसाइडर ट्रेडिंग कमेटी के सदस्य हैं। उनकी बेटी परिधि श्रॉफ की शादी गौतम परिवार के बेटे करन अडानी से हुई है। महुआ मोइत्रा ने सुझाव दिया है कि इस रिश्ते के सामने आने के बाद साइरिल श्रॉफ को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि अडानी समूह के मामले में अगर सेबी जांच करे तो उस पर कोई दबाव न हो।
ध्यान रहे कि करन अडानी और परिधि श्रॉफ की शादी 2013 में गोवा में धूमधाम से हुई थी।
महुआ मोइत्रा ने एक और ट्वीट में कहा कि वे “नामी वकील साइरिल श्रॉफ का सम्मान करती हैं, उनकी बेटी की शादी गौतम अडानी के बेटे से हुई है। श्रॉफ कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड इनसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी की समिति में कार्य करते हैं। अगर सेबी अडानी के मामले की जांच कर रहा है, तो श्रॉफ को खुद को इससे अलग कर लेना चाहिए, क्योंकि आम धारणाएं ही वास्तविकता हैं।“
इस बीच अडानी समूह के लिए एक और बुरी खबर आई है। वह यह कि एस एंड पी डाउ जोंस ने ऐलान किया है कि अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों को स्थिर और टिके रहने वाले शेयरों की सूची से हटा दिया जाएगा। महुआ मोइत्रा ने इसी का हवाला देते हुए लिखा है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार ऐसे कदम उठा रहे हैं तो फिर एनएसई इस बारे में क्यों नहीं कोई कार्रवाई कर रहा है।
गौरतलब है कि 24-25 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद से सेबी ने इस मामले में अभी तक खामोशी अख्तियार की हुई है। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों के दामों को दामों को अनैतिक रूप से नियंत्रित और प्रभावित करने के आरोप लगाए हैं, साथ ही खातों में भी हेराफेरी की बात कही है। हालांकि अडानी समूह ने इस सभी आरोपों का खंडन किया है।