कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह वीडियो ज़मीनी स्तर के लद्दाखी सोर्सेज़ द्वारा मोदी सरकार के झूठे नैरेटिव को उजागर करने का सबसे ताज़ा उदाहरण है।”
Chinese soldiers stopped Indian shepherds in Ladakh
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब लद्दाख से एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में चीन के सैनिक भारतीय चरवाहों को जाने से रोक रहे हैं। बताया जा रहा है कि चीन के सैनिकों की चरवाहों से झड़प भी हुई। यह मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से सवाल किए हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर चीन की हिम्मत कैसे हो रही है? हमारी जमीन पर पैर रखने की इनकी जुर्रत कैसे हुई? पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या इस बार भी पीएम मोदी चीन को क्लीनचिट देते हुए कहेंगे- कोई घुसा नहीं।
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। रमेश ने अपने बयान में कहा, “चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ भारतीय चरवाहों के टकराव का एक ताज़ा वीडियो सामने आया है। यह वीडियो एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सब कुछ ठीक होने के मोदी सरकार के दावों की पोल खोलता है। जनवरी 2024 के इस वीडियो में दिख रहा है कि पीएलए के सैनिक आर्मर्ड व्हीकल (बख्तरबंद गाड़ी) के साथ चुशुल सेक्टर में पेट्रोलिंग प्वाइंट 35 और 36 के पास के चरागाह क्षेत्रों तक भारतीय चरवाहों को जाने से रोक रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। ये चरागाह उन क्षेत्रों में आते हैं जिनपर भारत का दावा रहा है। कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों ने चरवाहों से क्षेत्र में वापस न लौटने के लिए कहा है।“
उन्होंन आगे कहा, “चार साल तक, मोदी सरकार ने अपनी DDLJ नीति— Deny (इंकार करो), Distract (ध्यान भटकाओ), Lie (झूठ बोलो) and Justify (सही ठहराओ) — से भारत के लिए 6 दशकों में सीमा से जुड़ी सबसे बड़ी नाकामयाबी को कवर करने की कोशिश की है। चीनी सैनिक भारतीय पेट्रोलिंग दल के जवानों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पूर्वी लद्दाख के डेपसांग मैदानों, डेमचोक और अन्य क्षेत्रों तक जाने से रोक रहे हैं। 18 दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद चीन 2,000 वर्ग किलोमीटर पर क़ब्ज़ा जमाए बैठा है, हमें वहां नहीं जाने दे रहा है।“
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “यह वीडियो ज़मीनी स्तर के लद्दाखी सोर्सेज़ द्वारा मोदी सरकार के झूठे नैरेटिव को उजागर करने का सबसे ताज़ा उदाहरण है। इन्हीं सोर्सेज़ ने पहले यह भी खुलासा किया था कि कैसे भारतीय सैनिकों को 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 तक अपनी पहुंच खोना पड़ा है और मोदी सरकार बफर ज़ोन के लिए सहमत हो गई है जिसके तहत भारत आगे के क्षेत्र का अपना दावा छोड़ देगा।“
जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी चार साल में सिर्फ लद्दाख में पूर्व की स्थिति बहाल करने में ही नाकाम नहीं रहे हैं। वर्ष 2017 में डोकलाम में भारत की जीत के उनके खोखले दावों के बावजूद, चीन ने पिछले 6 वर्षों में भूटान के क्षेत्र पर अपना दबदबा बढ़ा लिया है। ऐसा होना भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक बड़ा ख़तरा है, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है। चीन नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव में लगातार अपनी पकड़ मज़बूत कर रहा है और भारत इसका जवाब सोशल मीडिया कैंपेन और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाकर दे रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट देने के कारण उसकी पकड़ हमारे क्षेत्रों पर और मजबूत हो रहा है। तब उन्होंने कहा था, “न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।” उनका यह बयान गलवान में शहीद हुए हमारे सैनिकों का घोर अपमान था। अग्निपथ जैसी योजनाओं से हमारे जवानों का और भी ज़्यादा अपमान हो रहा है। क्योंकि इसके तहत होने वाला भेद-भाव सैनिकों के मनोबल को तोड़ता है और उनके कल्याण के लिए किए गए प्रावधानों को कमज़ोर करता है।
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा कि, कांग्रेस पार्टी ‘जय जवान’ अभियान के माध्यम से हमारे जवानों के न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी। हम हमारे विस्थापित चरवाहों को न्याय दिलाने के लिए भी प्रयास करेंगे, जिन्हें पीएलए के पेट्रोलिंग दल की दया पर निर्भर रहने को मजबूर किया गया है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए और बताना चाहिए कि पहले जैसी स्थिति कब और कैसे बहाल होगी।