धमतरी जिले के एक गांव में हाथी ने एक बुजुर्ग को मार डाला
Chhattisgarh | An elderly person was killed by an elephant in a village in Dhamtari distt.
Villagers are losing their lives in attacks by elephants due to negligence by forest dept. Steps should be taken by admin to restrict elephants in forest, says Zilla Panchayat member
छत्तीसगढ़: धमतरी: भिड़ावर से मवेशी खरीद कर जंगल के रास्ते से अपने घर जा रहे एक किसान को देर शाम को 2 दंतैल हाथियों ने पटक-पटककर मार डाला। खबर पाकर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कर अपनी जांच-पड़ताल शुरू कर दी। दस दिनों के भीतर यह दूसरी घटना हैं। इससे वनवासियों में भारी दहशत हैं।
यह घटना शनिवार की देर शाम करीब 5 बजे की है। बताया गया है कि ग्राम कोहका निवासी किसान महेश दीपक मवेशी खरीदने के लिए ग्राम भिड़ावर गया था। वहां से खरीदकर वापस घर लौट रहा था कि तभी ग्राम अकलाडोंगरी-कोड़ेगांव के बीच जंगल से अचानक दो दंतैल हाथियों से उसका सामना हो गया। हाथियों को देखकर वह अपनी जान बचाने के लिए भागने का प्रयास किया, लेकिन हाथियों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। इसके बाद अपनी सुंड में पकड़ कर उसे पटक-पटक कर मार डाला। घटनास्थल पर ही किसान महेश दीपक की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की खबर जैसे ही ग्रामीणों को हुई, तो उनमें दहशत फैल गई।
अकलाडोंगरी सरपंच मोती यादव, हरिश यादव तिर्रा आदि ग्रामीणों ने इसकी सूचना अकलाडोंगरी पुलिस और धमतरी वन मंडल के अधिकारियों को दी। पश्चात तत्काल पुलिस व वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर अपनी जांच-पड़ताल में जुट गई है। उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में हाथी-मानव द्वंद में एक के बाद एक लगातार हो रही मौत से वनवासियों में भारी दहशत है। पखवाड़ेभर के भीतर हाथी के पटने से यह दूसरी मौत है। इसके पहले बीते 28 सितंबर बुधवार की रात डूबान ग्राम अरौद से कबड्डी देखकर लौट रहे चनागांव निवासी प्रियेश नेताम (17) और संदीप कुंजाम को एक दंतैल हाथी ने प्राणघातक हमला कर दिया। सूंड से उठाकर पटक देने से मौके पर ही प्रियेश नेताम की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल संदीप कुंजाम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हाथी प्रोजेक्ट की सख्त जरूरत
गौरतलब है कि उड़ीसा राज्य से बिदक कर यहां सिकासर दल के 33 हाथी और चंदा दल के 22 हाथियों का दल पिछले तीन साल से धमतरी के जंगल में विचरण कर रहा हैं। चंदा हाथी का दल फिलहाल बालोद जिले की ओर आगे बढ़ गया, लेकिन अब भी गंगरेल बांध के डूबान क्षेत्र में 3 दंतैल तथा नगरी के रिसगांव क्षेत्र में सिकासेर हाथी का दल घूम रहा हैं। इससे ग्रामीणों में भारी दहशत का आलम हैं। एक के बाद एक लोगों को पटक कर मारने से हाथियों की दहशत से लोग उबर नहीं पा रहे हैं। ग्रामीणों ने केन्द्र और राज्य सरकार से धमतरी जिले में हाथी कारीडोर को देखते हुए यहां भी हाथी प्रोजेक्ट स्थापना की मांग की है।
मनाही के बाद भी जंगल जा रहे लोग
विडंबना है कि 15 दिनों के भीतर दंतेल हाथियों द्वारा यह दूसरी घटना है। वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को जंगल में जाने से मना किया गया है। गांव-गांव में हाथी गजराज वाहन और विभागीय अमला की ओर से मुनादी भी कराई जा रही है। इसके बावजूद लोग जंगल में दिन हो या रात, कभी भी चले जाते है। लोगों की यही लापरवाही अब भारी पड़ रही है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर जंगल में जाने से परहेज नहीं कर रहे।
मौत का सिलसिला कब थमेगा
पिछले तीन सालों मेें जिले में अब तक हाथियों ने 10 लोगों को पटक-पटक कर मौत की घाट उतार चुके हैं। मृतकों में सुकबाई कमार (24) पिता रामसिंग बिरनासिल्ली, भूमिका मरकाम (38) पिता घुरऊ राम पाइकभाठा, बुधलाल सिंह (45) पिता नवल सिंह पांवद्वार, सुखमा बाई कमार (30) पति लखनूराम पारधी, प्रियेश नेताम (17) चनागांव,संजू मंडावी विश्रामपुर के साथ ही करका, साल्हेभाट आदि गांवों में अब तक हाथियों ने दस लोगों को मौत की घाट उतार चुके है। यह सिलसिला कब थमेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता।
अकलाडोंगरी-कोड़ेगांव के बीच एक व्यक्ति को हाथी ने कुचल कर मार दिया है। हाथी विचरण को देखते हुए पहले से ही लोगों को जंगल में जाने से मना किया है, इसके बावजूद लोग जंगल में जा रहे है।
- महादेव कन्नौजे, रेंजर धमतरी