चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने मामले को सुना। चीफ जस्टिस ने प्रिजाइडिंग ऑफिस का वो वीडियो भी देखा जिसमें वह वोटों को कथित रूप से रद्द कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। जो कुछ हुआ उससे हम बस स्तब्ध हैं।
Chandigarh mayor polls: Supreme Court raps presiding officer, says won’t allow ‘democracy to be murdered’
चंडीगढ: सबसे ज्यादा पार्षद होने के बावजूद चंडीगढ़ मेयर पद का चुनाव कांग्रेस-आप गठबंधन हार गई। यहां भाजपा 16 वोट पाकर ही चुनाव जीत गई, जबकि 20 वोट प्राप्त करने वाली गठबंधन को हारा हुआ घोषित कर दिया गया। रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस-आप गठबंधन के आठ वोट रिजेक्ट कर दिए थे। मेयर चुनाव में हुई इस धांधली को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने तल्ख लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा है कि हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने (चुनाव अधिकारी) बैलट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। इस अफसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चेतना को संतुष्ट करना होगा, नहीं तो नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को कहा है कि वह 19 फरवरी को सुनवाई में मौजूद रहें। चुनाव अधिकारी सुप्रीम कोर्ट को वीडियो में दिख रही अपनी कारगुजारी पर जवाब दें। INDIA यानी AAP-कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव की मांग की गई है।