मप्र: कूनो में चीतों की मौत का सिलसिला जारी, नामीबिया से आए ‘शौर्य’ की मौत, अब तक 3 शावकों समेत 10 चीतों ने गंवाई जान

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Another leopard ‘Shaurya’ dies in Madhya Pradesh’s Kuno National park, 10 dead so far

Another leopard 'Shaurya' dies in Madhya Pradesh's Kuno National park, 10 dead so far
Another leopard ‘Shaurya’ dies in Madhya Pradesh’s Kuno National park, 10 dead so far

मॉनिटरिंग टीम को सुबह 11 बजे शौर्य अचेत अवस्था में मिला था। टीम ने फौरन उसका इलाज शुरू किया, लेकन कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया। फिलहाल ठंड से शौर्य की मौत की आशंका जताई जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही उसकी मौत के कारण का पता चल पाएगा।

Another leopard ‘Shaurya’ dies in Madhya Pradesh’s Kuno National park, 10 dead so far

मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को एक और चीते की मौत हो गई। नामीबिया से लाए गए चीता ‘शौर्य’ ने दोपहर 3.17 बजे दम तोड़ दिया। साल 2022 में भारत में चीतों के आगमन के बाद से कूनो में अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें 7 चीते और 3 शावक शामिल हैं। अब यहां 4 शावक समेत 17 चीते ही बचे हैं।

इससे पहले चीतों की मॉनिटरिंग कर रही टीम को सुबह 11 बजे शौर्य अचेत अवस्था में मिला था। टीम ने फौरन उसे ट्रैंकुलाइज कर सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। कुछ देर बाद उसे होश आया लेकिन वह कमजोर बहुत था। इसके कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया। ठंड से शौर्य की मौत की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल कूनो प्रबंधन का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही उसकी मौत के कारण का पता चल पाएगा।

लॉयन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर ने चीते की मौत की जानकारी देते हुए बताया कि आज करीब सवा तीन बजे चीता शौर्य की मौत हुई। उन्होंने कहा कि चीता शौर्य की मौत किन कारणों से हुई, इसका खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने के बाद ही होगा। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 11 बजे मॉनिटरिंग टीम को चीता शौर्य अचेत अवस्था में मिला था। चीते को बचाने की कोशिश की गई, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

गौरतलब है कि कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। लेकिन अब तक कूनो में 3 शावक समेत 10 चीतों की मौत हो चुकी है। पिछले साल 26 मार्च को नामीबिया से आई मादा चीता साशा ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद 23 अप्रैल को नर चीता उदय की मौत हो गई। फिर 9 मई को हिंसक झड़प में दक्षा ने दम तोड़ दिया। इस बीच मई में ही नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया, लेकिन उनमें से तीन शावकों की मौत हो गई। फिर जुलाई में अफ्रीका से आए चीता तेजस ने दम तोड़ दिया। फिर एक चीते की मौत अगस्त में हो गई। वहीं अब इस साल की शुरुआत में ही शौर्य के दम तोड़ने से चीता प्रोजेक्ट को धक्का लगा है।

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