उत्तर प्रदेश में अडानी समूह को झटका देते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी समूह को दिए स्मार्ट मीटर का टेंडर रद्द कर दिया है। आरोप था कि अडानी समूह ने बाजार मूल्य से करीब 50 फीसदी ज्यादा कीमत प्रति मीटर आपूर्ति का ठेका हासिल किया था।
Big blow to Adani in Uttar Pradesh, cancellation of smart meter tender to be bought at 50% more price than the market
उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में अडानी समूह को करारा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश के मध्यांचल विद्युत निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने की बोली जीतने वाले अडानी के टेंडर को निरस्त कर दिया है। इस टेंडर को लेकर उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत नियामक आयोग (इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) ने भी आपत्ति जताई थी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप था कि जो स्मार्ट मीटर बाजार में 6000 रुपए का है उसे अडानी समूह 10,000 हजार रुपए में सरकार को दे रहा है। आरोप था कि मीटर के दाम 48 फीसदी सेलेकर 65 फीसदी तक अधिक थे। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसको लेकर सीएम योगी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाई है।
उपभोक्ता परिषद ने इस टेंडर के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी दायर की थी। इसके अलावा पावर कॉपोरेशन प्रबंधन से इसे निरस्त करने की मांग कर रहा था। इसमें मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के टेंडर की लागत लगभग 5400 करोड़ थी। उपभोक्ता परिषद ने विगत दिनों विदेशी कोयले की भांति इस उच्च दर वाले इस्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने भी मांग उठाई थी।
परिषद की मांग थी कि सरकार चार कलेक्टर की जगह 8 क्लस्टर में टेंडर निकाल कर अपनी निविदा नियमों पर टेंडर आमंत्रित करे, जिससे देश की अन्य मीटर निर्माता कंपनियां भी टेंडर में भाग ले पाए और सही मायने में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों में प्रतिस्पर्धा कायम हो सके। अभी देश के निजी घरानों द्वारा बड़े कलस्टर में टेंडर को इसलिए बनवाया गया था जिससे चाह कर भी देश की मीटर निर्माता कंपनियां टेंडर में भाग न ले पाएं और देश के बड़े निजी घरने बिचैलिया के रूप में टेंडर को हथिया कर बडा लाभ कमाएं।