“धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढंका नहीं जा सकता, अडानी के 413 पन्नों के जवाब में हिंडनबर्ग का फिर पलटवार

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In response to Adani’s 413 pages, Hindenburg retaliated, said – fraud is fraud, nationalism will not hide the fraud

Now this French company has given a big blow to Adani group, ban on $ 50 billion joint hydrogen project
French company ban on $ 50 billion project of Adani Group

अडानी ग्रुप के जवाब पर अब हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सवालों से बचने की कोशिश की गई है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है।

In response to Adani’s 413 pages, Hindenburg retaliated, said – fraud is fraud, nationalism will not hide the fraud

Adani Group has attempted to conflate its meteoric rise&wealth of Chairman, Gautam Adani, with the success of India itself. We disagree. To be clear, we believe India a vibrant democracy&an emerging superpower w/an exciting future: Hindenburg responds to Adani’s 413-page rebuttal

अडानी ग्रुप के जवाब पर अब हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को फिर पलटवार किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सवालों से बचने की कोशिश की गई है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए 413 पन्नों के जवाब पर पलटवार करते हुए कहा कि अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की गई है और हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा समझा हमला करार दियाग या है। लेकिन अडानी ग्रुप ने कंपनी के अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति में बढ़ोत्तरी को भारत की सफलता के साथ जोड़कर दिखाने की कोशिश की है। हमारा मानना है कि भारत का लोकतंत्र काफी जीवंत है, आने वाले भविष्य का भारत सुपरपॉवर है। हम मानते हैं कि अडानी ग्रुप ने भारत के भविष्य को पीछे ढकेलने की कोशिश की है। कंपनी व्यवस्थित तरह से देश को लूट रही है और खुद को भारतीय ध्वज में लिपटा हुआ दिखाने की कोशिश कर रही है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि धोखाधड़ी धोखाधड़ी है, भले ही यह दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक द्वारा किया गया हो। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले ग्रुप पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि अडानी के 413 पन्नों के जवाब में सिर्फ 30 पन्ने हमारी रिपोर्ट से जुड़े हैं। बाकी के 330 पन्ने कोर्ट के रिकॉर्ड हैं, 53 पन्ने उच्च स्तरीय वित्तीय जानकारी, सामान्य जानकारी और बेकार के कॉर्पोरेट कदम के हैं। जैसे कैसे कंपनी में महिलाओं को बढ़ावा दिया जा रहा, सुरक्षित सब्जियों का उत्पादन आदी। अडानी हमारे 88 में से 62 सवालों के जवाब देने में विफल रहे हैं।

इससे पहले अडानी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए आरोपों पर 400 से अधिक पन्नों के जवाब में दस्तावेजों के साथ जवाब दिया था। अडानी समूह की विस्तृत प्रतिक्रिया में कहा गया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट हमारे शेयरधारकों और सार्वजनिक निवेशकों की कीमत पर मुनाफाखोरी करने के स्पष्ट इरादे से बनाई गई है। यह एक हेरफेर करने वाला दस्तावेज है जो हितों के टकराव से भरा हुआ है और केवल गलत लाभ दर्ज करने के लिए प्रतिभूतियों में एक झूठा बाजार बनाने के उद्देश्य से है, जो स्पष्ट रूप से भारतीय कानून के तहत प्रतिभूति धोखाधड़ी का गठन करता है।

गौरतलब है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद पोर्ट सेलेकर सीमेंट तक के कारोबार में मौजूद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में लगातार बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। हिंडेनबर्ग ने कहा था कि वह यूएस ट्रेडिड बॉन्ड्स और नॉन इंडियन ट्रेडिड डेरिवेटिव्स के जरिये अडानी समूह के शेयरों को शॉर्ट कर रही है। इसके बाद दो सत्रों में ही समूह का मार्केट कैप 50 अरब डॉलर कम हो गया है और खुद अडानी को 20 अरब डॉलर का झटका लगा है।

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