
अमेरिका द्वारा चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के ऐलान के बाद अब चीन ने अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। नए फैसले के मुताबिक, चीन 12 अप्रैल से अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ 84 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी लगाएगा।
China to further raise tariffs on US goods to 125% from 84% as trade war continues
चीन ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर शुक्रवार को 125 प्रतिशत कर दिया। अमेरिका के चीन से निर्यात पर 145 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद उसने यह कदम उठाया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, चीन ने आयातित अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 84 प्रतिशत था। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी शुल्क बढ़ोतरी के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा भी दायर किया है।
नवीनतम अमेरिकी अधिसूचना के अनुसार, चीन पर कुल 145 प्रतिशत शुल्क लगा है। चीन ने पहले 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ अमेरिकी कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। साथ ही इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करने में रुचि भी व्यक्त की थी। चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को बढ़ाकर 145% करने की घोषणा की थी। यह नया टैरिफ फेंटेनाइल दवा का उत्पादन करने के आरोप में इस साल की शुरुआत में लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त है। इस तरह चीन पर कुल टैरिफ 145 प्रतिशत हो जाता है। इससे पहले चीन द्वारा अमेरिकी उत्पाद पर 84 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी उत्पाद पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था।
ट्रंप ने घोषणा करते हुए इसे इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया। ट्रंप ने कहा, “उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके पास दिन में पर्याप्त समय नहीं है। हर कोई आकर समझौता करना चाहता है और हम कई अलग-अलग देशों के साथ काम कर रहे हैं और यह सब बहुत अच्छी तरह से काम करेगा। मुझे लगता है कि यह वास्तव में बहुत अच्छी तरह से काम करेगा, लेकिन हम अच्छी स्थिति में हैं।
वहीं चीनी ने ट्रंप के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका का उद्देश्य लोगों का समर्थन नहीं जीत पाया और विफल हो जाएगा। चीन चुपचाप नहीं बैठेगा और अपने लोगों के वैध अधिकारों और हितों को वंचित नहीं होने देगा। चीन ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन वह अमेरिका द्वारा टैरिफ की लगातार धमकियों से नहीं डरेगा। चीन ने कहा कि न तो हम झुकते हैं और न ही उकसावे से डरते हैं। इस प्रकार दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।